Zika Virus: जीका वायरस भी कोरोना वायरस की तरह है। यह वायरस भारत में भी पांव पसारने लगा है। इससे जुड़े मामले पुणे से सामने आए हैं। अभी तक इस वायरस से संक्रमित 5 मरीजों की पुष्टि की जा चुकी है। बता दें कि इस वायरस की चपेट में पुणे में एक गर्भवती महिला भी आ चुकी है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर जीका वायरस होता क्या है और यह लोगों में कैसे फैलता है और इसे फैलने से कैसे रोका जा सकता है?
संक्रामक बीमारी है जीका वायरस
जीका वायरस मच्छर जनित एक संक्रामक बीमारी है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यह लोगों में एडीज मच्छरों के काटने से होता है और इससे संक्रमित मरीज जब किसी दूसरे के संपर्क में आता है, उसे भी इससे संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर समय पर इसका सही से उचित इलाज नहीं कराया जाए, तो यह खतरनाक भी साबित हो सकता है।
5 में से 1 पीड़ित में दिखता है लक्षण
WHO के अनुसार जीका वायरस से पीड़ित ज्यादातर लोगों में इसके लक्षण ही दिखाई नहीं देते हैं। इस वायरस से संक्रमित 5 में से केवल 1 व्यक्ति में ही इसका लक्षण दिखाई देता है और जो लक्षण इसमें दिखाई देते हैं, वे इतने साधारण हैं कि उससे यह अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है कि सामने वाला जीका वायरस से संक्रमित है।
ये हैं लक्षण
इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति में सामान्यतः बुखार, जोड़ों में दर्द, सिर दर्द और आंखों का लाल होना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
इसके लिए नहीं है कोई खास दवा
बता दें, वायरस से निपटने के लिए अभी कोई खास दवा नहीं बनाई गई है। अभी इस वायरस से पीड़ित मरीज को बुखार और दर्द से संबधित दवाएं दी जाती हैं। जीका से बचने के उपाय जीका वायरस से बचने लिए अपने घर के आसपास पानी जमा न होने दें, पूरी बाजू वाले कपड़े पहनें, संक्रमित मरीजों वाले इलाके में जाने से बचें, साथ ही खानपान का विशेष ध्यान