Trouble On The Economic Front: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली NDA को लोकसभा में अपने दम पर बहुमत न मिलने के कारण दूरगामी आर्थिक और वित्तीय सुधारों में देरी होने की संभावना है। USA की रेटिंग एजेंसी मूडीज द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि ‘‘NDA की अपेक्षाकृत कम अंतर से जीत व संसद में बीजेपी का पूर्ण बहुमत खोने से दूरगामी आर्थिक और राजकोषीय सुधारों में देरी कर सकती है, जिससे फाइनेंशियल कंसोलिडेशन की दिशा में हो रहा काम बाधित हो सकता है। हमें उम्मीद हैं कि नीतिगत निरंतरता, खासकर बुनियादी ढांचे पर खर्च और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने पर बजटीय जोर के संबंध में मजबूत आर्थिक वृद्धि को समर्थन प्रदान करने का काम किया जाएगा।
मूडीज ने कहा, ‘‘भारत की आर्थिक ताकत को लेकर हमारा आकलन है कि वित्त वर्ष 2023-24 से 2025-26 के बीच वास्तविक GDP वृद्धि दर करीब सात प्रतिशत रहेगी।’’ रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘उसका अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-26 तक भारत जी-20 में अन्य सभी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ेगा।’’
फिच रेटिंग्स ने क्या कहा?
फिच रेटिंग्स ने बुधवार को कहा कि भाजपा के पूर्ण बहुमत खोने पर और सरकार बनाने के लिए सहयोगी दलों पर निर्भर होने से भूमि तथा श्रम जैसे महत्वाकांक्षी सुधार एजेंडे के लिए चुनौतियां पैदा होंगी। आगे कहा गया ‘‘ऐसा लग रहा है कि बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए अगली सरकार बनाएगी और प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार सत्ता में वापस आएंगे। हालांकि कमजोर बहुमत के साथ यह सरकार के महत्वाकांक्षी सुधार एजेंडे के लिए चुनौतियां खड़ी कर सकता है।’’
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