श्रेष्ठ भारत (Shresth Bharat) | Hindi News

Our sites:

|

Follow us on

|

क्या साउथ की शर्मिला भाजपा के लिए खड़ी करेंगी मुश्किलें


हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा 2023 चुनावों के बाद भाजपा ने तीन राज्यों में जबरदस्त जीत हासिल की और साथ ही नए चेहरों को भाजपा ने मुख्यमंत्री का पद देकर पूरे देश को अचम्भित कर दिया। वहीं कांग्रेस ने मात्र एक राज्य में जीत हासिल की और अपनी सरकार बनाने में सक्षम रही। तबसे ऐसा माना जाने लगा कि कांग्रेस साउथ में सिकुड़ कर रह गई है। देखा जाय तो हिमाचल में कांग्रेस की सरकार है लेकिन तेलंगाना की एकतरफा जीत ने कांग्रेस पर कहीं न कहीं सवाल खड़े कर दिए। तो भाजपा के साउथ की रणनीति पर प्रश्नवाचक चिंह भी लगा दिए। साथ ही विश्लेषक मानने लगे कि भाजपा को दक्षिण में एंट्री के लिए लंबा रास्ता तय करना है। अगर आप जेहन में भारत का नक्शा सोचें और उसमें भाजपा शासित राज्यों को भगवा रंग में रंगें तो दिखेगा कि भाजपा पश्चिम और मध्य क्षेत्र के साथ पूर्वोत्तर में छाई हुई है, जबकि पंजाब-हिमाचल, बंगाल, ओडिशा से लेकर केरल तक विपक्ष शासित सरकारें चल रही हैं. कर्नाटक में भी कांग्रेस की सरकार है। एक तरह से बंगाल और साउथ दोनों ही टेढ़ी खीर लगते हैं।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला ने कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय कर दिया है। राजनैतिक विश्लेषकों की मानना है कि शर्मिला के जरिए कांग्रेस (Congress Mission South) ने भाजपा के मिशन साउथ को कहीं न कहीं और मुश्किल बनाने का काम किया है। 

कांग्रेस शर्मिला के जरिए भाजपा का रास्ता कितना मुश्किल कर पाती है यह समझने वाली बात है। शर्मिला का राजनीतिक बैकग्राउंड क्या है। शर्मिला के जरिए कांग्रेस तेलंगाना ही नहीं, आंध्र प्रदेश की राजनीति में भी अपनी स्थिति मजबूत कर सकती है। शर्मिला अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाई. एस. राजशेखर रेड्डी की बेटी हैं। वह आंध्र के मौजूदा सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी की छोटी बहन हैं। खबर है कि कांग्रेस में आने के बाद शर्मिला को जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर कोई पद दिया जा सकता है. शर्मिला ने तेलंगाना के चुनाव में कांग्रेस को अपना समर्थन देने की घोषणा की थी। तभी से माना जा रहा था कि वह कांग्रेस में आने वाली हैं।

शर्मिला के पिता वाई एस राजशेखर रेड्डी दक्षिण में कांग्रेस के कद्दावर नेता थे। उन्होंने जो भी चुनाव लड़ा जीतते गए. 2003 में उन्होंने तीन महीने तक 1500 किमी की पदयात्रा की थी। उनके कारण ही कांग्रेस आंध्र में 2004 और 2009 के विधानसभा चुनाव जीत सकी। 2009 में सितंबर के महीने में उनका प्लेन जंगल में क्रैश हो गया था। जनता की सहानुभूति बेटे के साथ गई. हालांकि जगन मोहन ने कांग्रेस से अलग नई पार्टी बना ली। इससे कांग्रेस के लिए राह कठिन होती चली गई। आखिरकार 2019 में जगन मोहन रेड्डी प्रचंड जीत हासिल कर सीएम बन गए. उन्हीं की छोटी बहन को अब कांग्रेस बड़ी जिम्मेदारी देने वाली है। 

कांग्रेस अपने दिवंगत नेता के काम और लोकप्रियता के सहारे बेटी को लोकसभा चुनाव में आंध्र में कैंपेनिंग की कमान सौंप सकती है. जी हां, कांग्रेस नेतृत्व उन्हें आंध्र प्रदेश में पार्टी को पुनर्जीवित करने का काम दे सकता है. 2014 में आंध्र के विभाजन के बाद पार्टी का लगभग सफाया हो गया था. वह 2014 और 2019 में आंध्र प्रदेश में एक भी विधानसभा या लोकसभा सीट जीत नहीं सकी और उसका वोट शेयर दो प्रतिशत से भी कम हो गया. कर्नाटक और हाल में तेलंगाना की जीत से उत्साहित कांग्रेस शर्मिला के पिता और दिवंगत मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की विरासत का सहारा लेकर आंध्र कांग्रेस में नई जान फूंकने की उम्मीद कर रही है. आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव लोकसभा के साथ ही अप्रैल-मई में होने वाले हैं.

शर्मिला ने 2019 के चुनावों में भाई की पार्टी वाईएसआरसीपी (वाईएसआर कांग्रेस) के लिए प्रचार किया था। हालांकि मतभेद होने पर 2021 में शर्मिला ने वाईएसआरटीपी बना ली। उन्होंने तेलंगाना में पदयात्रा भी की, लेकिन परिणाम उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे। अब वह कांग्रेस में शामिल हो चुकी हैं। शर्मिला ईसाई हैं। उनके पति अनिल कुमार ने आज कहा कि शर्मिला के कांग्रेस में आने से आंध्र प्रदेश की राजनीति में निश्चित तौर पर असर पड़ेगा।


संबंधित खबरें

वीडियो

Latest Hindi NEWS

Health News
Health News: टॉयलेट सीट पर चलाते हैं फोन, बड़ी बीमारी से हो सकते हैं ग्रसित!
CM DHAMI
Uttarakhand: जनजातीय गौरव दिवस आज, मुख्यमंत्री धामी करेंगे कार्यक्रम का शुभारंभ
UPPSC Exam News Date
UPPSC Exam News Date: UPPSC परीक्षा की नई तारीख का एलान, जानें कब होगा एग्जाम
UPPSC RO-ARO Protest
UPPSC Protest: छात्रों का आंदोलन 5वें दिन भी जारी, जानें कहां फंसा है पेंच
Anshul Kamboj
Ranji Trophy: अंशुल कंबोज ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाले बने 6ठें भारतीय गेंदबाज
India Vs South Africa 4th T20
IND vs SA: सीरीज जीतने के इरादे से उतरेगी सूर्या ब्रिगेड, जानें संभावित प्लेइंग11