उनमें मंझे हुए नेताओं जैसे लटके-झटके नहीं दिखते हैं। रामानंद सागर की रामायण में राम का किरदार उनके जीवन में इस तरह उतर गया है कि वो बातचीत में भी मर्यादाओं का पालन करते दिखते हैं। वे अपने विरोधी उम्मीदवारों पर कोई भी टिप्पणी करने से बचते हैं। उनकी सादगी मेरठ के मतदाताओं के बीच बड़ी USP बन रही है।