10 जुलाई की सुबह ही देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक ऐसा फैसला सुनाया है जो मुस्लिम समाज की महिलाओं (Muslim Women) को सुकून की सांस देगा तो वहीं मुस्लिम पुरुषों पर आफत का पहाड़ बनकर टूटेगा. दरअसल वो फैसला ही कुछ ऐसा है जो कट्टर मौलानाओं की भी रातों की नींद उड़ा देगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि CRPC की धारा 125 सभी विवाहित महिलाओं (Married women) पर लागू होती है.चाहे वो किसी भी धर्म से जुड़ी हों. मुस्लिम महिलाएं भी इस Provision का सहारा ले सकती हैं और गुजारा भत्ता (alimony) मांग सकती हैं.