राहुल गांधी (rahul gandhi) जिनकी छवि को पप्पू बनाने की कोशिश की गई और कहा गया कि वो पप्पू हैं, लेकिन रायबरेली (raebareli) से चुनाव लड़ने के फैसले ने ये साबित कर दिया कि राहुल गांधी (rahul gandhi) की छवि अब पप्पू वाली नहीं रही। क्योकि राहुल गांधी (rahul gandhi) ने इस बार रायबरेली (raebareli) से लोकसभा चुनाव (lok sabha election) लड़ने का फैसला कर सही कदम उठाया है। उन्होंने समझ लिया है कि लोगों से जुड़ने के लिए चुनाव में अपनी पार्टी की मदद के लिए उन्हें बहुत कुछ करना होगा। क्योंकि रायबरेली सीट (raebareli seat) का समीकरण कांग्रेस (congress) जानती है इसलिए ना अमेठी (amethi) की और राहुल गांधी (rahul gandhi) गए और ना ही वाड्रा (vadra) को वहां से भेजा गया। क्योकि इस बार राहुल गांधी (rahul gandhi) का पूरा फोकस कांग्रेस (congress) को मजबूत करने को लेकर है।