Nayab Saini: नायब सिंह सैनी संगठन के अंदर तो अच्छा काम कर रहे थे लेकिन जनता के बीच उन्हें कम ही लोग जानते थे… उनके राजनीतिक करियर में बड़ा मोड़ अंबाला शुगर मिल के गन्ना आंदोलन के दौरान आया. गन्ना भुगतान के लिए हुए आंदोलन में सैनी ने काफी अहम भूमिका निभाई थी. लिहाज़ा किसानों के बीच उनकी अच्छी पैठ देखते हुए पार्टी ने उन्हें किसान मोर्चा का प्रदेश महासचिव बना दिया. बाद में वे मोर्चा के अध्यक्ष भी बने… लेकिन ये सब इतना आसान नहीं था. आंदोलन के दौरान उन्हें प्रदेश के बड़े गुज्जर नेता चौधरी लाल सिंह से काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था. 2009 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में सैनी को नारायणगढ़ विधानसभा सीट से टिकट मिला था जिसमें मनोहर लाल खट्टर ने अहम भूमिका निभाई थी. तब उनका मुकाबला सीधा गुज्जर नेता चौधरी लाल सिंह के बेटे राम किशन से था. सैनी बुरी तरह चुनाव हारे और 5वें नंबर पर रहे. लेकिन फिर भी पार्टी ने सैनी पर भरोसा जताया और 2012 में उन्हें अंबाला का जिला अध्यक्ष बनाया गया. युवा मोर्चा के समय में सैनी ने राजनीतिक तिकड़ी बनाई थी जिसमें उनके साथ अंबाला के पूर्व सांसद रतनलाल कटारिया और असीम गोयल शामिल थे