नब्बे के दशक में सरकारों के बनने, बिगड़ने, गिरने और उठने का दौर जारी रहा। गठबंधन की जोड़तोड़ वाली राजनीति ने देश की अर्थव्यवस्था का बंटाधार कर रखा था। उस दौर में अकेले नरसिम्हा राव ऐसे इकलौते प्रधानमंत्री रहे जो अपना कार्यकाल जैसे-तैसे पूरा कर सके, लेकिन उनसे सामने भी कई चुनौतियां थीं। 1996 में राव की सरकार गई तो अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी, लेकिन अल्पमत में आने के बाद 13 दिनों में ही उनकी सरकार गिर गई। अब जनता दल से सामने फिर वही सवाल खड़ा था कि किसे प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठाया जाए।