Malaria, Dengue And Chikungunya Outbreak: उत्तर प्रदेश में इन दिनों तीन बीमारियां मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया कहर बरपा रही हैं। प्रदेश में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। लखनऊ व लखीमपुर इस मामले में शीर्ष पर हैं। मलेरिया के सबसे अधिक केस राजधानी लखनऊ से सामने आए हैं। वहीं, डेंगू के सबसे अधिक मरीज लखीमपुर खीरी में देखने को मिले हैं। चिकनगुनिया के केस भी लखनऊ और वाराणसी में सबसे ज्यादा दर्ज हुए हैं।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रभावी रोकथाम के निर्देश दिए हैं। सभी अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के रोगियों के लिए बेड आरक्षित करने, जांच और दवा के पूरे इंतजाम करने को कहा गया है।
पिछले साल की तुलना में बढ़े केस
यूपी सरकार ने प्रदेश को साल 2030 तक मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। सरकारी रिकार्ड में दर्ज हुए आंकड़ों के मुताबिक, 2023 की तुलना में इस साल सितंबर तक प्रदेश में मलेरिया के करीब चार हजार अधिक केस सामने आ चुके हैं। हालांकि असल संख्या इससे कहीं अधिक है।
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स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जांच का दायरा बढ़ने के कारण मलेरिया और डेंगू के मामले बढ़े हैं। हालांकि ऐसा हुआ भी है। अब प्रदेश के छोटे-बड़े अस्पतालों के अलावा, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर भी जांच की सुविधा उपलब्ध है, जो पहले नहीं थी।
मलेरिया में यह हैं टॉप-10 जिले
प्रदेश के जिन जिलों में मलेरिया के मामले में तेजी से बढ़ रहे हैं उनमें लखनऊ, बदायूं, लखीमपुर खीरी, बरेली, हरदोई, शाहजहांपुर, सीतापुर, गौतमबुद्ध नगर, पीलीभीत और संभल शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, पिछले साल लखनऊ में 25 सितंबर तक 187 केस मिले थे, लेकिन इस बार यह संख्या 597 पहुंच चुकी है। वहीं, लखीमपुर में पिछले साल 143 केस मिले थे, जो संख्या अब 510 हैं। बदायूं में पिछले साल अब तक 1200 केस मिले थे, लेकिन इस साल यह संख्या बढ़कर 3087 हो गई है।
इन जिलों में डेंगू के सबसे अधिक मामले
डेंगू के मामले देखें तो लखीमपुर सहित कई जिलों में केस तेजी से बढ़ रहे हैं। लखीमपुर में 25 सितंबर तक 2023 में डेंगू के सिर्फ 43 केस मिले थे, लेकिन इस बार यह 220 हो चुके हैं। वहीं, लखनऊ में अब तक 442, जौनपुर में 95, वाराणसी में 112, फतेहपुर में 107 और सुल्तानपुर में 72 सहित कई जिलों में डेंगू के मामले पिछले साल की तुलना में बढ़े हैं।
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चिकनगुनिया में यह हैं टॉप-10 जिले
चिकनगुनिया की स्थिति देखें तो अभी चिकनगुनिया के सबसे अधिक केस वाराणसी और लखनऊ में सामने आए हैं। वहीं शीर्ष 10 जिलों की बात करें तो इसमें लखनऊ, सहारनपुर, वाराणसी, संतकबीरनगर, हरदोई, गोंडा, बाराबंकी, सीतापुर, लखीमपुर खीरी और बहराइच शामिल हैं।
जानें मलेरिया, डेंगू, और चिकनगुनिया के कारण, लक्षण और रोग अवधि
मलेरिया, डेंगू, और चिकनगुनिया, तीनों मच्छर से फैलने वाली बीमारियां हैं. हालांकि, इनमें कई अंतर हैं:
फ़ैलाव का तरीका
मलेरिया एनोफ़िलीज़ मच्छर के काटने से फैलता है, जबकि डेंगू और चिकनगुनिया एडीज़ मच्छर के काटने से फैलते हैं।
कारण
डेंगू और चिकनगुनिया वायरस के कारण होते हैं, जबकि मलेरिया परजीवी के कारण होता है।
लक्षण
डेंगू और चिकनगुनिया में तेज बुखार और जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण होते हैं। वहीं, मलेरिया में तेज बुखार, ठंड लगना, और खांसी जैसे लक्षण होते हैं।
इन्क्यूबेशन पीरियड
डेंगू के लिए इन्क्यूबेशन पीरियड 3-7 सप्ताह का होता है, जबकि चिकनगुनिया का इन्क्यूबेशन पीरियड 1-12 दिन का होता है।
रोग अवधि
डेंगू और चिकनगुनिया लगभग चार से सात सप्ताह तक रहते हैं। चिकनगुनिया में जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण लंबे समय तक रह सकते हैं। (Malaria Dengue And Chikungunya Outbreak)