Faridabad Lok Sabha Election 2024: फरीदाबाद लोकसभा सीट पर इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प है। हार जीत का फैसला 4 जून को होगा। मौजूदा सरकार में केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के पास हैट्रिक लगाने का मौका है, जबकि कांग्रेस की तरफ से चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह उन्हें टक्कर देंगे। दोनों बड़ी पार्टियों ने जाटों के दबदबे वाली सीट पर गुर्जर उम्मीदवार को मैदान में उतारा है, जिससे चुनाव काफी रोचक हो गया है। केंद्रीय मंत्री गुर्जर 2014 और 2019 में यहां से जीते थे, लेकिन इस बार कांग्रेस की तरफ से अवतार सिंह भड़ाना की वापसी से कांग्रेस को जीत की उम्मीद जागी हैं। भड़ाना साल 2004 और 2009 में फरीदाबाद से सांसद रहे थे। हालांकि, महेंद्र और कृष्णपाल 20 साल पहले विधानसभा चुनाव में भी प्रतिद्वंद्वी रह चुके हैं।
ये है सीट का इतिहास(Faridabad Lok Sabha Election 2024)
साल 2014 के Lok Sabha Election में कृष्णपाल गुर्जर ने 57.70 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 6,52,516 मत हासिल किए थे। इस साल उन्होंने कांग्रेस के अवतार सिंह भड़ाना को 4,66,873 वोटों से हराया था। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में गुर्जर ने 68.76 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 9,13,222 मत लेकर भड़ाना को 6,38,239 वोटों से शिकस्त दी। अवतार सिंह भड़ाना भी 1991, 2004 और 2009 में यहां से संसद पहुंच चुके हैं।
जमकर चलता है जातीय समीकरण (Faridabad Lok Sabha Election 2024)
कहा जाता है कि हरियाणा में जातीय समीकरण खूब काम करता है। जातीय समीकरणों के लिहाज से फरीदाबाद में जाट मतदाता सबसे ज्यादा हैं, लेकिन 1999 से यहां से कोई भी जाट नेता लोकसभा में नहीं पहुंचा है। आखिरी बार 1999 में जाट नेता रामचंद्र बैंदा ने यहां जीत की हैट्रिक लगाई थी, लेकिन उसके बाद यहां से लगातार गुर्जर नेता ही लोकसभा पहुंचते रहे हैं। फरीदाबाद का इतिहास काफी पुराना है। साल 1857 की क्रांति में अंग्रेजों के खिलाफ जंग में अहम भूमिका निभाई थी।
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फरीदाबाद सीट का लोकसभा इतिहास (Faridabad Lok Sabha Election 2024)
- 2019 कृष्ण पाल( भाजपा)
- 2014 कृष्ण पाल (भाजपा)
- 2009 अवतार सिंह भड़ाना (कांग्रेस)
- 2004 अवतार सिंह भड़ाना(कांग्रेस)
- 1999 राम चंदर बैन्डा(भाजपा)
- 1998 रामचंदर बैन्डा(भाजपा)
- 1996 राम चंदर (भाजपा)
- 1991 अवतार सिंह भड़ाना(कांग्रेस)
- 1989 भजन लाल (कांग्रेस)
- 1984 रहीम खान (कांग्रेस)