हाल ही में ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में कहा कि कोविड-19 वैक्सीन से साइड इफेक्ट हो सकता है। तब से भारत में चर्चाओं का बाजार गर्म है। वैक्सीन लगवाने वाले लोग दहशत में हैं, क्योंकि भारत में लगभात 90 प्रतिशत लोगों को कोविशील्ड की ही टीका लगा है। हालांकि कोविशील्ड को लेकर फैले डर के बीच ICMR के पूर्व वैज्ञानिक ने राहत भरी जानकारी दी है। ICMR के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेडकर ने कहा कि कोविशील्ड टीके को लेकर किसी भी तरह से डरने की जरूरत नहीं है। इसके साइडइफेक्ट बहुत ही दुर्लभ हैं।
पूर्व वैज्ञानिक ने डेटा के माध्यम से समझाते हुए बताया कि 10 लाख वैक्सीन लेने वाले लोगों में से 7 या 8 लोगों के साथ हार्ट अटैक या खून के थक्के जमने का रिस्क हो सकता है। ICMR के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेडकर ने कहा कि वैक्सीन लेने वाले लोग बिल्कुल भी चिंतित न हों, यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है।
डॉ. रमन गंगाखेडकर ने जानकारी देते हुए बताया कि, ‘जब आप पहली डोज लेते हैं तो सबसे ज्यादा रिस्क होता है। दूसरी डोज लेने पर यह कम हो जाता है और फिर तीसरी में तो यह एकदम कम होता है। यदि इस वैक्सीन का साइडइफेक्ट होना ही होता है तो यह शुरुआती दो से तीन महीनों में असर दिख जाता है।’ ब्रिटेन में कुछ मृतकों के परिजनों ने दावा किया था कि वैक्सीन लेने के बाद ही उनकी मौत हुई। वहीं, ब्रिटिश अखबार डेली टेलीग्राफ ने लिखा था कि एस्ट्राजेनेका ने लंदन की एक अदालत में बताया है कि उसकी दवा से दुर्लभतम केसों में साइड इफेक्ट हो सकता है।