हर साल की तरह इस साल भी 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगीं। लोकसभा चुनाव से पेश होने वाला ये बजट अंतरिम बजट होगा। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस साल बजट में बड़े ऐलानों की उम्मीद कम की जा रही है। सूत्रों की मानें तो इस बजट में सरकार खेती से होने वाली आय को टैक्स में दायरे में ला सकती है। कहा जा रहा है कि खेती से होने वाली कमाई पर टैक्स के दायरे में लाया जा सकता है। आयकर में निष्पक्षता लाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति समिति की सदस्य आशिमा गोयल ने इसकी सिफारिश की।
आशिमा गोयल ने बताया कि सरकार गरीब किसानों के खातों में पैसे भेजकर उनकी देखभाल करती है। टैक्स सिस्टम को निष्पक्षता बनाने के लिए अंतरिम बजट में अमीर किसानों पर आयकर लगाया जा सकता है। अमीर किसानों के लिए एक सकारात्मक आयकर लागू किया जा सकता है। जानकारों की मानें तो देश के अमीर किसानों पर इनकम टैक्स लगाने से टैक्स सिस्टम में फेयरनेस आएगी। विकास दर कई चीजों पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि सरकार जरूरमंद किसानों को पेमेंट ट्रांसफर करती है जो एक तरह से नकारात्मक आयकर है। अगर कम कर-दरों और न्यूनतम छूट के साथ अमीर किसानों के लिए एक सकारात्मक आयकर लागू किया जाए तो इसके टैक्स सिस्टम में निष्पक्षता आएगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के खाते में सालाना 6000 रुपये भेजती है। ये फंड तीन किस्तों में भेजे जाते हैं। इस योजना की शुरुआत दिसंबर 2018 में की गई थी। 2000 रुपये की तीन बराबर किस्त में ये रकम सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक अकांउट में ट्रांसफर किया जाता है।
मौजूदा इनकम टैक्स के सेक्शन 10(1) के तहत एग्रीकल्चरल यानी कृषि से होने वाली कमाई को इनकम टैक्स से छूट दी गई है। लेकिन, इसमें हर तरह की खेती शामिल नहीं होती है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 2(1ए) के उन कृषि आय के बारे में जानकारी दी गई है, जिसे टैक्स छूट मिली है।