पश्चिम बंगाल के संदेशखाली गांव में महिलाओं द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के मद्देनजर आज यानी 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। इस मामले की सुनवाई न्यायमुर्ति बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच करेगी।
संदेशखाली यौन उत्पीड़न हिंसा मामले में सुनवाई 16 फरवरी को होनी थी। याचिका में इस मामले की CBI जांच करवाने की मांग की गई है। साथ ही पश्चिम बंगाल से बाहर SIT जांच की मांग की गई है। संदेशखाली यौन हिंसा मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी लेकिन कोर्ट ने साफ इंकार कर दिया था।
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली गांव में महिलाओं द्वारा TMC नेता शाहजहां शेख पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। मीडिया से बात करते हुए महिलाओं का कहना था कि शाहजहां शेख किसी भी महिला के साथ कुछ भी कर सकता है, वो जब चाहता था तब किसी भी महिला को अपनी हवस का शिकार बना लेता था।
टीएमसी नेता पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के अलावा भी कई तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। कई एंजेंसियां उनकी तलाश में हैं। ईडी की छापेमारी मे भी वो नहीं मिले हैं। उन पर राशन घोटाले का भी आरोप है। जमीन हड़पने और महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न मामले में तीन मुख्य आरोपी है जिनमें से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार किये गये आरोपियों की पहचान TMC नेता शिबप्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार के रूप में हुई है। मामले में अभी तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
क्या बोले पश्चिम बंगास के गवर्नरस
वहीं पश्चिम बंगाल के गवर्नर ने महिलाओं को आश्वासन दिया कि संदेशखाली महिलाओं के लिए राजभवन के दरवाजे हमेशा खुले है। मीडिया से बात करते हुए गवर्नर सीवी आनंद बोस ने शनिवार को कहा था कि संदेशखाली की उन महिलाओं के लिए राजभवन के दरवाजे हमेशा खुले हैं जो अपने घरों में असुरक्षित महसूस करती हैं। उन्होंने कहा महिलाओं की रक्षा के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली की “प्रताड़ित” महिलाएं राजभवन में शरण ले सकती हैं, जहां उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी। राज्यपाल ने कहा कि जिन महिलाओं को खतरा लग रहा है। वो 033-22001641 डायल करके राजभवन में शिकायत दर्ज करा सकती हैं। आरोपियों के खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जाएगा।