Mamata Banerjee on CAA and NRC: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर इस बात को बहुत मजबूती से दोहराया है कि वह राज्य में सीएए, एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) और समान नागरिक संहिता जैसे कानून को लागू नहीं होने देंगी। ममता ने यह बात ईद की नमाज में एक सभा को संबोधित करते हुए कही। ममता ने यह भी कहा कि हम सब लोगों को एकजुट होने की जरूरत है। कुछ लोग साजिश करके इस देश को तितर-बितर करना चाहते हैं।
अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगे
ममता ने लोगों को ईद की मुबारकबाद दी और कहा कि एक महीना रोजा रखने के बाद ईद का त्यौहार आता है। ये ईद मनाने वालों के लिए एक बहुत बड़ी बात है। हम लोग देश के लिए खून भी बहाने के लिए तैयार हैं लेकिन अत्याचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी धर्म में सद्भाव बना रहना चाहिए। ऐसे में देश के लिए समान नागरिक संहिता के कोई जगह नहीं है।
हमें एकजुट होना पड़ेगा
ममता बनर्जी ने भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि जिस तरह से विपक्ष को गिरफ्तार करके जेल में भेजा जा रहा है उससे तो भारत उजाड़ हो जाएगा। जबकि हम एक ऐसी जमीन चाहते हैं जहां सब एक साथ बहुत खुशी, सुरक्षा के साथ रह सकें। ममता बनर्जी ने मजबूती के साथ इस बात का आह्वान किया कि हमें आपस में एकजुट रहना ही होगा।
एक दिन पहले अमित शाह ने साधा था निशाना
बता दें, एक दिन पहले ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ममता बनर्जी समेत ऐसे लोगों पर निशाना साधा था जो भारत में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 को लागू नहीं करने दे रहे हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं। अमित शाह ने इसे वोट बैंक की राजनीति बताते हुए कहा था कि इस पॉलिटिक्स के तहत घुसपैठियों को वोट बैंक बनकर तृणमूल कांग्रेस राजनीति कर रही है।
अमित शाह ने अपील की थी कि किसी भी रिफ्यूजी को बिना किसी शक के नागरिकता के लिए आवेदन कर देना चाहिए। इस पर जवाब देते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि अगर कोई नागरिकता के लिए आवेदन देता है तो उसे विदेशी घोषित कर दिया जाएगा। इसलिए सभी लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
CAA 13 मार्च से देश में हो चुका है लागू
बता दें, भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने 13 मार्च को सीएए का नोटिफिकेशन पूरे देश में लागू कर दिया है और इस कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से जो नॉन मुस्लिम समुदाय अपने मूल देशों से प्रताड़ित होकर भारत आए हैं (31 दिसंबर 2014 से पहले), उन्हें सीएए के तहत भारत की नागरिकता का आवेदन करने का पूरा अधिकार होगा। इन समुदायों में हिंदू के अलावा सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और क्रिश्चियन भी शामिल हैं।