Election Commission Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने मतदान खत्म होने के बाद 48 घंटे के अंदर डाटा सार्वजनिक किए जाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए इस पर दखल देने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि चुनाव बाद इस याचिका पर उचित बेंच सुनवाई करेगी। हम चुनाव में बाधा नहीं डालना चाहते। यह बात एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स एडीआर और टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कही।
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
इससे पहले, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब दाखिल करने को कहा था। इस पर हलफनामा दाखिल करते हुए आयोग ने 48 घंटे के भीतर मतदान प्रतिशत सार्वजनिक किए जाने और फॉर्म 17C को सार्वजनिक किए जाने की मांग का विरोध किया।
‘फॉर्म 17C केवल मतदान एजेंट को ही दिया जाना चाहिए’
चुनाव आयोग ने कहा कि फॉर्म 17C केवल मतदान एजेंट को ही दिया जाना चाहिए, किसी अन्य व्यक्ति या संस्था को नहीं। नियमों के मुताबिक, इसका सार्वजनिक रूप से खुलासा करना ठीक नहीं है। आयोग ने शीर्ष अदालत को बताया कि फॉर्म 17 C को अगर वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा तो कुछ गड़बड़ी हो सकती है। इसमें छेड़छाड़ हो सकती है। इससे जनता के बीच अविश्वास पैदा होगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं पर उठाए सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपने अभी यह याचिका क्यों दाखिल की। आप 2019 से कहां थे। आप मार्च और अप्रैल में क्यों नहीं आए।
याचिकाकर्ताओं पर लगे जुर्माना
चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि जब चुनाव चल रहे हों तो इस तरह की निजी स्वार्थ वाली याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए। इससे लोगों के हित को नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय संदेह और आशंका के आधार पर इस तरह की याचिका जानबूझकर बार-बार दाखिल की जा रही है। इसलिए याचिकाकर्ताओं पर भारी जुर्माना लगाया जाए।
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