उत्तर में जिस तरह गंगा का उद्गम होता है उसी तरह एक योगी का उद्गम भी भारत के उत्तर में हुआ। गंगा अपने उद्गम को जिसतरह पीछे छोड़कर आगे बढ़ती है और जनजीवन के लिए कल्याणकारी बन जाती है उसी तरह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी साल 1994 में दीक्षा के बाद वह योगी आदित्यनाथ बन गए थे।1998 में पहली बार जब 12वीं लोकसभा (1998-99) के लिए योगी आदित्यनाथ चुने गए तो सबसे कम 26 साल की उम्र के सांसद थे। इसी तरह राजनीति में योगी जी का पदार्पण हुआ और गंगा की अविरल धारा की तरह निरंतर अबाध गति से उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही प्रदेश की रुपरेखा बदलकर रख दी।
एक संयासी जिसने अपने लक्ष्य को कभी ओझल नहीं होने दिया। समाजसेवा ही जिसका एकमात्र लक्ष्य रहा। जिसने अपने छोड़े हुए परिवार पर कभी कोई उदारता नहीं दिखाई। आज भी जिनकी बहन पहाड़ों में एक छोटी सी दुकान चलाकर अपना जीवन यापन करती हैं। आज योगी जी चाहें तो उनके एक इशारे पर उनकी बहन को क्या उपलब्ध नहीं हो सकता ? पर, योगी और मोदी ने परिवारवाद को अपनी पार्टी पर हावी नहीं होने दिया। मोदी और योगी ने अपने कार्यकाल में इन तत्वों को पनपने नहीं दिया। साथ ही एक मिसाल भी कायम कर दी कि सत्ता की भूख व्यक्ति को क्या बना देती है और सत्ता के द्वारा समाजसेवा की इच्छा हो तो राजनीति उसे सुलभ कर देती है।
एक समय था जब उत्तर प्रदेश को पिछड़ा राज्य के तौर पर देखा जाता था। युवा काम के सिलसिले में मुम्बई, दिल्ली का रुख करते थे। उन्हें अपने प्रदेश में बेरोजगारी की मार झेलनी पड़ती थी। पर आज योगी राज में उत्तर प्रदेश का चेहरा ही बदल चुका है। आज उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बनने की राह पर अग्रसर है।
आज से सात साल पीछे देखें तो तस्वीर इतनी स्फूर्ति के साथ बदलेगी शायद किसी ने नहीं सोचा होगा। आज उत्तर प्रदेश का युवा बेरोजगारी के लिए नहीं भटकता और उसे अपने घर पर ही रहकर इतने काम मिल जाते हैं कि उसे दर दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ती। जेवर एयरपोर्ट से लेकर फार्मूला वन कार रेस जैसी चीजें अब विदेश से सीधा उतरकर उत्तर प्रदेश की जमींन पर धमाल मचा चुकी हैं। उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले और शहर की अपनी अलग पहचान बनती जा रही है। एमएसएमई से लेकर बड़े बड़े उद्दोग अब उत्तर प्रदेश की जमीं पर जन्म ले रहे हैं और उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है।
उत्तर प्रदेश निवेश के लिए एक पंसदीदा स्थान बन कर उभरा है। यहां उद्योगों को पनपने के लिए प्राकृतिक संसाधन, मानव संसाधान और विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है।जनता की नब्ज़ समझने और उनके मन में उतरने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार निवेशकों के फीडबैक के आधार पर उद्योगों को लेकर अपने काम काज को बेहतर करने की योजना और नीतियों को लागू करेगी। जिससे निवेशकों की दिक्कतें दूर करने के लिए हर जिले में तैनात किए गए उद्यमी मित्रों के फीडबैक के आधार पर सरकार काम करेगी। प्रधानमंत्री ने इन्ही चीजों की बुनियाद पर 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। जिसपर उत्तर प्रदेश की सरकार फोकस करके काम कर रही है। नोयडा 13000 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया गया था पर बुंदेलखंड में 33 गांव की 14000 हेक्टेयर को विकसित कर रहे हैं। बढ़ती बिजली की मांग पर वित्त मंत्री ने कहा कि 2017 में 13-14000 मेगावाट मांग थी जो आज 30000 मेगावाट के उपर हो गयी है।
आपको याद होगा यूपी सरकार के 2017 में आते ही पहला एक्शन रोमियो स्कावड का गठन किया गया था। जिससे अब लड़कियां और महिलाएं स्वयं को सुरक्षित महसूस करती हैं। आज उत्तर प्रदेश का माहौल सम्मानजनक है। लोगों में योगी सरकार के आने से सुरक्षा की भावना पनपी है। योगी सरकार के प्रति लोगों की आस्था और विश्वास कायम है और दिन पर दिन बढ़ ही रहा है। जिसका नतीज़ा हमने 2022 में देखा कि योगी सरकार प्रभावी तरीके से दूसरी बार जनता के हृदय में और सरकार के तौर पर विराजमान हुई।
आप क्या कहेंगे एक संयासी योगी जिसने मात्र एक संकल्प लिया था वो संकल्प था विकल्प रहित- “समाज की सेवा, हर हाल में” योगी आदित्यनाथ जी का राजनैतिक सफ़र पर दृष्टि डालें तो हम और आप क्या नहीं कहेंगें कि पदविहिन होते हुए भी योगी जी ने गोरखपुर वासियों के लिए जो किया वह एक नया माइलस्टोन था। जहां गुंडों का ही राज होता था लोग हर वक्त डरते थे आज वही लोग शान से सिर उठाकर गर्व से योगी जी की सरकार में सांस ले रहे हैं। बल्कि यह कहना अनुचित नहीं होगा कि आज उत्तर प्रदेश को उत्तम बनाने में योगी सरकार की मदद भी कर रहे हैं। इससे सभ्य समाज का गठन हुआ जिससे उदारवादिता और एकजुटता की मिसाल पूरा विश्व देख सकेगा।
योगी सरकार ने पूरी दुनिया में अपना दबदबा बना लिया है। योगी ने अपने काम के बलबूते पीएम मोदी समान लोगों के दिल में अपना स्थान और दबंगोंके मन में खौफ़ पैदा कर रखा है। आज दबंगों की इतनी हिम्मत नहीं होती कि उत्तर प्रदेश में कोई भी कांड कर जाएं। यह योगी की सशक्त नीतियों का ही परिणाम है जो यूपी में योगी सरकार और यूपी दोनों खुलकर उन्नति के पथ पर अग्रसर हैं।
जिस टाटा को तत्कालीन बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जाी ने टिकने नहीं दिया आज वही टाट ग्रूप उत्तर प्रदेश में अपने पैर पसार रहा है। उत्तर प्रदेश में टाटा ग्रूप के सहयोग से 150 आईटीआई को मजबूती मिल रही है। यूपी 56 फीसदी वर्किंग आबादी और सबसे ज्यादा उपभोग करने वाला राज्य है। योगी सरकार उद्दोग को महत्व दे रही है जिससे यहां के स्थानीय नवयुवकों को रोजगार की प्राप्ति हो रही है। उद्यमी यहां अपनी गतिविधियों का विस्तार कर रहे हैं जिससे स्थानीय उत्पादन होने से लोगों को सामग्री सस्ती मिलेगी। सस्ती लेबर, सस्ती जमीन आज यूपी में उपलब्ध है।
नए नए प्रोजेक्ट पर हर शहर में काम चल रहा है। डबल इंजन की सरकार पूरे देश में कमाल कर रही है। साथ ही उत्तर प्रदेश में इस समय गंगा एक्सप्रेस वे बन रहा और साथ ही 6 और बना रहे हैं। जल्दी ही देश का 50 फीसदी एक्सप्रेस वे यूपी में होगा। अयोध्या से लेकर मथुरा काशी हर जगह जय श्री राम, जय श्री कृष्ण और हिन्दूत्व की गूंज हर ओर सुनाई दे रही है।
महंत योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठाधीश्वर रहे ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के शिष्य हैं। 1998 से लेकर मार्च 2017 तक योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद रहे और हर बार उनकी जीत का आंकड़ा बढ़ता ही गया। 2017 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। योगी आदित्यनाथ मूल रूप से उत्तराखंड के निवासी हैं। इसे बाद उन्होंने 2022 में दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।
गोरखपुर में अपने ऑफिस में बंदर के साथ बैठकर काम करते वक्त आदित्यनाथ की फोटो किसी ने खींच ली, जो चर्चा का विषय बनी।
योगी हिंदू युवा वाहिनी संगठन के संस्थापक भी हैं, जो कि हिंदू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है। योगी आदित्यनाथ ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी से गणित से बीएससी की है। 1993 में गोरक्षनाथ मंदिर पहुंचे योगी की दीक्षा के समय विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल भी मौजूद थे।