श्रेष्ठ भारत (Shresth Bharat) | Hindi News

Our sites:

|

Follow us on

|

चारों शंकराचार्य श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा से बना रहे हैं दूरी


अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह की खास बात है कि इस समारोह से चार शंकराचार्य शामिल नहीं होंगे। चार शंकराचार्य में से दो लोगों ने अब इस आयोजन को अपना समर्थन देने की बात कही है।

जोशीमठ के ज्योर्तिपीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा था कि चारों शंकराचार्यों में से कोई भी अयोध्या में समारोह में शामिल नहीं होगा। यह मंदिर निर्माण कार्य पूरा होने से पहले किया जा रहा है। इस संबंध में विश्व हिंदू परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने गुरुवार को कहा कि प्राण प्रतिष्ठा का स्वागत करने वाले द्वारका और श्रृंगेरी शंकराचार्यों के बयान पहले से ही सार्वजनिक हैं। पुरी शंकराचार्य भी इस समारोह के पक्ष में हैं।

स्वामी अविमुक्तेश्वारनंद ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग किसी राग या द्वेष के कारण नहीं जा रहे ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्यों का यह दायित्व है कि वे शास्त्रविधि का पालन करें और करवाएं। वहां पर शास्त्र विधि की उपेक्षा हो रही है। उन्होंने कहा कि सबसे पहली उपेक्षा यह है कि मंदिर अभी पूरा बना नहीं है और प्रतिष्ठा की जा रही है। कोई ऐसी परिस्थिति नहीं है कि अपने को अचानक कर देना पड़े।

गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद स्वामी महाराज का कहना है कि मेरा हृदय ऐसा नहीं कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आमंत्रण मिले तो मैं फूल जाऊं। उनका कहना है कि अभी प्रतिष्ठा शास्त्रों के हिसाब से नहीं हो रही है, इसलिए मेरा उसमें जाना उचित नहीं है। स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि आमंत्रण आया है। इसमें कहा गया है कि एक व्यक्ति के साथ आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि पुराणों में लिखा है कि देवता (मूर्ति) तब प्रतिष्ठित होते हैं, जब विधिवत हों। अगर ये ढंग से ना किया जाए तो देवी देवता क्रोधित हो जाते हैं। शंकराचार्य ने कहा कि ये खिलवाड़ नहीं है। ढंग से किया जाए तभी देवता का तेज सबके लिए अच्छा रहता है वरना विस्फोटक हो जाता है। उनका कहना था कि मोदी जी लोकार्पण करेंगे, मूर्ति का स्पर्श करेंगे और मैं वहां ताली बजा के जय-जय करूंगा क्या? मुझे अपने पद की गरिमा का ध्यान है।

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर शारदापीठ के शंकराचार्य की ओर से भी सोशल मीडिया पर बयान शेयर किया गया है। इसमें कहा गया है कि शंकराचार्य सदानंद महाराज की ओर से कोई बयान नहीं दिया गया है। राम मंदिर के लिए हमारे गुरुदेव ने कई कोशिशें की थीं, 500 साल बाद ये विवाद खत्म हुआ है। बयान में कहा गया है कि हम चाहते हैं कि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह वेद, शास्त्र, धर्म की मर्यादा के पालन के साथ हों।

श्रृंगेरी शंकराचार्य प्राण प्रतिष्ठा का विरोध कर रहे हैं। हालांकि, ऐसा कोई संदेश शंकराचार्य की ओर से नहीं दिया गया है। ये गलत प्रचार किया जा रहा है। श्रृंगेरी शंकराचार्य की इस संबंध में एक अपील भी की गई है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हों। हालांकि शंकराचार्य स्वयं अयोध्या में कार्यक्रम में शामिल होंगे या नहीं, इस बारे अभी साफ तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है।


संबंधित खबरें

वीडियो

Latest Hindi NEWS

Health News
Health News: टॉयलेट सीट पर चलाते हैं फोन, बड़ी बीमारी से हो सकते हैं ग्रसित!
CM DHAMI
Uttarakhand: जनजातीय गौरव दिवस आज, मुख्यमंत्री धामी करेंगे कार्यक्रम का शुभारंभ
UPPSC Exam News Date
UPPSC Exam News Date: UPPSC परीक्षा की नई तारीख का एलान, जानें कब होगा एग्जाम
UPPSC RO-ARO Protest
UPPSC Protest: छात्रों का आंदोलन 5वें दिन भी जारी, जानें कहां फंसा है पेंच
Anshul Kamboj
Ranji Trophy: अंशुल कंबोज ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाले बने 6ठें भारतीय गेंदबाज
India Vs South Africa 4th T20
IND vs SA: सीरीज जीतने के इरादे से उतरेगी सूर्या ब्रिगेड, जानें संभावित प्लेइंग11