किसान आंदोलन को करीब एक हफ्ते से चल रहा है। बीते दिन किसान आंदोलन से कई बड़ी खबरे सामने आती रही है। किसान MSP के साथ कई अन्य मांगों के साथ पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर तनाव देखने को मिल रहा है। रविवार की शाम किसान नेता और केंद्र सरकार के बीच MSP को लेकर बात हुई थी। लेकिन केंद्र सरकार केवल पांच फसलों पर ही MSP देने के लिए तैयार हो गई थी। लेकिन किसान संगठनों में चर्चा के बाद पांच साल के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। और उसी के साथ किसान नेताओं ने दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया था। किसान नेताओं ने सरकार से कहा कि हमें शान्तिपूर्वक दिल्ली जाने दिया जाए। अगर ऐसा नही होता है तो इस सबके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि हमने अभी निर्णय लिया है कि कोई युवा, किसान और मजदूर आगे नहीं जाएगा। सभी बड़े किसान नेता ही आगे जाएंगे और हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेंगे। अगर सरकार किसानों पर हमला करेगी तो हम सरकार पर जवाबी कार्यवाही करेंगे।
सरवण सिंह पंधेर ने कहा है कि अगर सरकार हमारी मांगो को शांतिपूर्वक पूरा करती है तो हम किसान आंदोलन को जल्द खत्म कर देंगे।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने किसानों के प्रदर्शन के तरीके पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि किसान जानते है मोटर वाहन अधिनियम के तहत राजमार्ग पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन फिर भी किसान उनका प्रयोग कर रहे है। सभी किसान अपने संविधान कर्तव्य को जानते है। और वह उन्हें क्यूं भूल रहे है।
पुलिस और किसानों के बीच झड़प
जब किसानों ने दिल्ली की तरफ बढ़े तो उन्हैं पुलिसबल ने रोकने की कोशिश शंभू बॉर्डर पर किसान आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे हैं। हालांकि,शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा का तगड़ा इंतजाम किया गया है। पुलिस ने किसानों से निपटने के लिए कड़े इंतेजाम कर रखे हैं। पुलिस द्वारा ड्रोन से आंसू गैस के गोले दागे गए है। उसके हाद किसानों में भगदड़ मच गई।