गणतंत्र दिवस परेड की झांकी से पंजाब को बाहर किए जाने पर निराशा व्यक्त करते हुए शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।
2024 गणतंत्र दिवस परेड के लिए झांकियों के चयन से पंजाब राज्य को बाहर करने पर सवाल उठाते हुए सुखबीर सिंह ने आपत्ति जताई कि यह पंजाब और पंजाबियों के खिलाफ ‘भेदभाव’ है। सुखबीर सिंह बादल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा ”मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गणतंत्र दिवस परेड से राज्य को बाहर कर गौरवान्वित, देशभक्त और वीरतापूर्ण पंजाब और पंजाबियों के खिलाफ भेदभाव के खिलाफ हस्तक्षेप करने का आग्रह करता हूं। बादल ने कहा महान गुरु साहिबान, साहिबजादों और शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह, सरदार करतार सिंह सराभा, सरदार उधम सिंह, लाला लाजपत राय जैसे स्वतंत्रता संग्राम के अनगिनत नायकों और शहीदों की विरासत को उजागर किए बिना इसे पूरा माना जाएगा। उन्होंने कहा “शहीदों की भूमि के साथ इस अन्याय के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति की पहचान की जानी चाहिए और उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”
इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी 2024 गणतंत्र दिवस परेड के लिए झांकी की सूची में पंजाब का नाम शामिल नहीं करने के लिए केंद्र की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह फैसला दिखाता है कि पंजाब के लोगों के खिलाफ उसके दिल में कितना ‘जहर’ है।
सीएम मान ने ‘एक्स’ पर लिखा ‘’आज केंद्र की बीजेपी सरकार ने पंजाबियों की शहादत की कीमत मीडिया के माध्यम से 3 करोड़ पंजाबियों के सामने पेश की है। इस बार फिर पंजाब की झांकी को शामिल नहीं किया गया” 26 जनवरी की परेड हमने 3 विषय भेजे 1. पंजाबियों के शहीदों का इतिहास 2. माई भागो जी का इतिहास 3. पंजाब की अनमोल विरासत। केंद्र की बीजेपी सरकार का ये फैसला बताता है कि कितना जहर है उनके दिलों में पंजाबियों के खिलाफ है।‘’
सीएम मान ने कहा “गणतंत्र दिवस पर हर राज्य की झांकी उनकी प्रगति और उपलब्धि के बारे में प्रदर्शित की जाती है। जब से भाजपा केंद्र में सत्ता में आई है वे पंजाब के साथ पक्षपात कर रहे हैं। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पंजाब के लोगों ने सबसे अधिक अपने जीवन का बलिदान दिया। उन्होंने कहा “देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वालों का अपमान किया। लोग बीजेपी को जवाब देंगे केंद्र सरकार और बीजेपी के कदम वाकई निंदनीय हैं।”
भाजपा नेता मजिंदर सिंह सिरसा ने आप नेताओं पर फैसले पर ‘बेईमानी से रोने’ का आरोप लगाया। “यह पिछले 9 वर्षों से अरविंद केजरीवाल की कार्यप्रणाली रही है ऐसी परियोजनाएं और योजनाएं भेजते हैं जिन्हें अस्वीकार किए जाने की संभावना होती है और फिर बेईमानी का रोना रोते हैं। वह भगवंत मान को पंजाब में भी यही काम करवा रहे हैं। यहां तक कि पिछले साल भी झांकी भेजी गई थी। सिरसा ने कहा पंजाब सरकार द्वारा इसका नवीनीकरण किया गया और वही झांकी दोबारा भेजी गई इसलिए इसे अस्वीकार कर दिया गया।”