नरेंद्र मोदी के साथ रविवार को 71 मंत्रियों ने भी शपथ ली। इसमें अलग-अलग पार्टी के कई सांसदों को कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है। जैसे ही मोदी कैबिनेट का विस्तार हुआ। इसके बाद से ही अजीत पवार गुट की NCP खासतौर पर काफी नाराज दिखी थी। ऐसे में इस नाराजगी की लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया है वो है शिंदे गुट की शिवसेना का, जो कि कैबिनेट से नाराज है।
श्रीरंग बारणे ने कैबिनेट में जगह ना मिलने पर जताई नाराजगी
शिवसेना के चीफ व्हीप श्रीरंग बारणे का कहना है कि एक तरफ जहां, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और एचडी कुमारस्वामी की पार्टी को कम सीट मिलने के बाद भी कैबिनेट मंत्रालय दिया गया है, वहां उनकी पार्टी के सात सांसद होने के बावजूद सिर्फ स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री का ही पद दिया गया। श्रीरंग बारणे ने कहा कि एनडीए के अन्य घटक दलों के एक-एक सांसद चुने गए, लेकिन उन्हें कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया है, तो फिर बीजेपी ने शिंदे गुट के प्रति इतना अलग रुख क्यों अपनाया? शिवसेना के चीफ व्हिप ने कहा, “हमारी शिवसेना के स्ट्राइक रेट को देखते हुए हमें कैबिनेट मंत्री पद दिया जाना चाहिए था।” यह बात कहते हुए शिंदे गुट के सांसद श्रीरंग बारणे ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
मंत्री पद की जताई थी उम्मीद- श्रीरंग बारणे
वहीं, शिंदे गुट की शिवसेना की नाराजगी से पहले एनसीपी अजित गुट ने भी मंत्री पद नहीं मिलने पर नाराजगी जाहिर की थी। इस दौरान पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि “कल रात (शपथग्रहण से पहले) हमें बताया गया कि हमारी पार्टी को स्वतंत्र प्रभार वाला एक राज्य मंत्री मिलेगा। मैं पहले केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री था, इसलिए यह मेरे लिए एक डिमोशन होता। हमने बीजेपी नेतृत्व को सूचित कर दिया है और उन्होंने हमें कहा है कि बस कुछ दिन इंतजार करें, वे सुधारात्मक उपाय करेंगे।”
गठबंधन में लड़ा था लोकसभा चुनाव
बता दें कि, लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र में बीजेपी ने शिंदे गुट की शिवसेना और अजित गुट की एनसीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। बीजेपी ने 31 सीटों पर चुनाव लड़ा और 9 सीटें जीतीं, अजित गुट की पार्टी एनसीपी ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा और एक सीट जीती और शिंदे गुट की शिवसेना ने 13 सीटों पर चुनाव लड़ा और सात सीटें जीती।