देश में हर साल 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना की उपलब्धियों और भूमिका को मान्यता देने के लिए नौसेना दिवस मनाया जाता है। 4 दिसबंर 1971 में ऑपरेशन ट्राइडेंट के दौरान भारतीय नौसेना ने पीएनएस खैबर सहित चार पाकिस्तानी जहाजों को डुबो दिया था। जिसमें सैकड़ों पाकिस्तानी नौसेना कर्मियों की मौत हो गई थी। इसलिए भारत में प्रत्येक वर्ष 4 दिसबंर को नौसेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में मारे गए लोगों को भी याद किया जाता है।
नौसेना दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन
नौसेना सप्ताह के दौरान और उससे पहले के दिनों में विभिन्न कार्यक्रम होते हैं जैसे कि खुली समुद्र में तैराकी प्रतियोगिता, जहाज आगंतुकों और स्कूली बच्चों के लिए खुले रहते हैं। अनुभवी नाविकों का दोपहर का भोजन होता है और नाविकों द्वारा प्रदर्शन किया जाता है। नेवल सिम्फोनिक ऑर्केस्ट्रा होता है और एक भारतीय नौसेना इंटर स्कूल क्विज़ प्रतियोगिता होती है। साथ ही एक नेवी हाफ मैराथन के साथ-साथ स्कूली बच्चों के लिए एक हवाई प्रदर्शन और बीटिंग रिट्रीट और टैटू समारोह होते हैं।
नौसेना दिवस समारोह में भाग लेगें पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में नौसेना दिवस समारोह में भाग लेने वाले हैं। भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने कहा “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में नौसेना दिवस पर भारतीय नौसेना के परिचालन प्रदर्शन को देखेंगे। प्रदर्शन में युद्धपोत, पनडुब्बियां, हवाई संपत्ति के साथ-साथ समुद्री निगरानी विमान और लड़ाकू और प्रशिक्षक विमान तत्व भाग लेंगे।”
नौसेना दिवस समारोह में युद्धपोतों का प्रदर्शन
प्रदर्शन में भाग लेने वाले युद्धपोतों, पनडुब्बियों और हवाई संपत्तियों में विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य, युद्धपोत आईएनएस कोलकाता, कोच्चि, विशाखापत्तनम, चेन्नई, ब्रह्मपुत्र, ब्यास, बेतवा, तबर और सुभद्रा शामिल हैं। कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस खंडेरी और चेतक, एएलएच ध्रुव, एमएच60 रोमियो, कामोव 31, सीकिंग 42बी हेलीकॉप्टर प्रदर्शन में भाग लेंगे। समुद्री निगरानी विमानों में डोर्नियर और पी-8आई शामिल होंगे। लड़ाकू और प्रशिक्षक विमान तत्व में हॉक्स, एलसीए-नेवी और मिग-29के जेट शामिल होंगे।
थीम ‘जलमेव यस्य, बलमेव तस्य’
भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने आगे बताया कि डेमो की थीम ‘जलमेव यस्य, बलमेव तस्य’ है (जो समुद्र पर नियंत्रण रखता है वह सर्वशक्तिमान है)। भारतीय नौसेना भारत के पश्चिमी समुद्र तट पर प्रतिष्ठित सिंधुदुर्ग किले में जहाजों और विमानों द्वारा नौसेना संचालन के एक स्पेक्ट्रम को कवर करते हुए एक ‘ऑपरेशनल प्रदर्शन’ के माध्यम से अपनी परिचालन कौशल और क्षमताओं का प्रदर्शन करेगी।
नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार की मेजबानी में आयोजित इस कार्यक्रम को केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी सैन्य गणमान्य व्यक्ति और स्थानीय लोग तारकरली समुद्र तट से देखेंगे। इस आयोजन का उद्देश्य हमारे समृद्ध समुद्री इतिहास का जश्न मनाना और उसका महिमामंडन करना और औपनिवेशिक प्रथाओं पर प्रकाश डालना है।
सिंधुदुर्ग किला और ऑपरेशन ट्राइडेंट
सिंधुदुर्ग किला 1660 में मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा बनाया गया था। सिंधुदुर्ग किला भारत के समृद्ध समुद्री इतिहास का दावा करता है और नौसेना की अपनी अग्रिम पंक्ति की संपत्तियों के साथ परिचालन प्रदर्शन करने की आवश्यकता को भी पूरा करता है। भारतीय नौसेना 1971 के युद्ध के दौरान कराची बंदरगाह पर नौसेना के दुस्साहसिक हमले “ऑपरेशन ट्राइडेंट” की याद में 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाती है।