विश्व बैंक की आई एक रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में निम्न और मध्यम आय वाले देशों (LMIC) से मनी फ्लो जो भारत में निरंतर आ रहा है उससे निरंतर वृद्धि का पता चलता है। पर पिछले वर्षों की तुलना में इसकी गति कुछ धीमी जरुर हुई है।
2023 में लो -मिडिल इनकम वाले देश में बसने वाले भारतीय जो पैसे भारत में भेजते हैं वो अनुमानित 3.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कुल USD669 बिलियन तक पहुंच गया है। उन्नत अर्थव्यवस्थाओं और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) देशों में लचीले श्रम बाजारों ने प्रवासियों के समर्थन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रिपोर्ट वैश्विक मुद्रास्फीति और कम विकास संभावनाओं के कारण 2024 में प्रवासियों के लिए वास्तविक आय में गिरावट के संभावित जोखिम का सुझाव देती है।
दक्षिण एशियाई क्षेत्र में, भारत में रुपयों का फ्लो जो भारत में आया उसमें वृद्धि देखी गई है। पूरे दक्षिण एशिया में 2023 में मनी फ्लो में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
संयुक्त राज्य अमेरिका में तंग श्रम बाजार और यूरोप में मजबूत रोजगार वृद्धि से उत्साहित भारतीय अर्थव्यवस्था ने वर्ष के लिए मनी फ्लो में USD125 बिलियन तक पहुंच कर पिछले पूर्वानुमानों से बेहतर प्रदर्शन कर दिखाया है। वहीं अफ़्रीका में लगातार दूसरे वर्ष प्रेषण प्रवाह में गिरावट देखी गई है। जिसका मुख्य कारण मिस्र में प्रवाह में भारी गिरावट थी। 2022 में महत्वपूर्ण लाभ के बाद यूरोप और मध्य एशिया में मनी फ्लो में भी 1.4 प्रतिशत की कमी आंकी गई है।
भारत ने 2023 में अनुमानित USD125 बिलियन के साथ मनी फ्लो के सबसे बड़े प्राप्तकर्ता के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी है। यह परिवारों का समर्थन करने और देश की आर्थिक लचीलापन में योगदान देने में भारतीय प्रवासियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
टाप पांच मनी फ्लो प्राप्तकर्ता देशों में मेक्सिको (67 बिलियन अमेरिकी डॉलर), चीन (50 बिलियन अमेरिकी डॉलर), फिलीपींस (40 बिलियन अमेरिकी डॉलर) और मिस्र (24 बिलियन अमेरिकी डॉलर) शामिल हैं।
कई उच्च आय वाले देशों में कमजोर आर्थिक गतिविधि की उम्मीद और कमजोर नौकरी बाजारों की संभावना एलएमआईसी(LMIC) को मनी फ्लो की वृद्धि को नरम कर सकती है। जिससे 2024 में 3.1 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया जा सकता है।तेल की अनस्टेबल कीमतों, मनी एक्सचेंज रेट और उच्च आय वाले देशों में उम्मीद से अधिक गहरी आर्थिक मंदी की संभावना को देखते हुए सावधानी की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
विश्व बैंक के प्रेषण मूल्य विश्वव्यापी डेटाबेस से पता चलता है कि मनी फ्लो लागत लगातार ऊंची बनी हुई है, 2023 की दूसरी तिमाही तक 200 अमेरिकी डॉलर भेजने के लिए औसतन 6.2 प्रतिशत। रिपोर्ट में बताया गया है कि पैसे भेजने के लिए बैंक 12.1 प्रतिशत की औसत लागत के साथ सबसे महंगा माध्यम बने हुए हैं।
डायस्पोरा बांड को विदेशी गंतव्यों में रखी गई डायस्पोरा बचत का लाभ उठाने के लिए संरचित किया जा सकता है, जिससे धन का एक स्थिर स्रोत उपलब्ध हो सके। रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के वर्षों में मनी फ्लो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और आधिकारिक सहायता के योग से अधिक हो गया है। जिससे निजी पूंजी जुटाने के अवसर पैदा हुए हैं।
भारत जैसे विकासशील देशों के लिए महत्वपूर्ण जीवन रेखा के रूप में रिपोर्ट काम करती हैं। वैश्विक परिदृश्य में भारत की प्रमुखता देश की अर्थव्यवस्था के समर्थन में भारतीय प्रवासियों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हेै। जबकि चुनौतियाँ और जोखिम बरकरार हैं।