हर साल 31 अक्टूबर को आजाद भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाई जाती है। देश में आज धूमधाम से लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल 148वीं जयंती मनाई जा रही है। सरदार पटेल का देश की आजादी में अहम योगदान रहा। स्वतंत्रता के बाद छोटी-बड़ी रियासतों को जोड़कर भारत के अधीन लाने का पूरा श्रेय सरदार पटेल को ही जाता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने एकजुट भारत के दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए 550 से अधिक रियासतों को भारत संघ में मिलाया था। इस कारण से उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से उनकी जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत की थी। सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन हर युवा के लिए प्रेरणा है। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने महिला सशक्तिकरण पर जोरदार तरीके से अपने विचार रखे।
प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने भारत के लौह पुरुष सरदार पटेल की सबसे बड़ी प्रतिमा बनाने का सपना देखा था। गुजरात के सीएम रहते हुए साल 2013 में उन्होंने इसका शिलान्यास किया था और प्रधानमंत्री बनने के बाद साल 2018 में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन किया था। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है जिसकी ऊंचाई 182 मीटर है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी आज भारत में एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बन चुका है। भारत से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग इसे देखने के लिए गुजरात में आते हैं। ये स्टैच्यू विंध्याचल और सतपुड़ा पर्वतमाला के बीच स्थित है जो गुजरात में प्रसिद्ध सरदार सरोवर बांध से लगभग 3.5 किमी नीचे की ओर, नर्मदा नदी में साधु-बेट द्वीप पर है। साल 2018 में इस पर्यटन स्थल को देखने के लिए 4.53 लाख पर्यटक गुजरात पहुंचे थे और साल 2023 में 31.92 लाख पर्यटक इसे देखने के लिए पहुंचे।
‘रन फॉर यूनिटी‘
भारत के ‘लौह पुरुष’ सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती मनाने के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर पांच किलोमीटर का ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल शहर के बड़ा तालाब से शुरू हुई दौड़ में बड़ी संख्या में युवाओं ने भाग लिया। भोपाल के 50 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों के लगभग 1 हजार एनसीसी कैडेटों ने दौड़ में भाग लिया। कैडेटों के अलावा, एनसीसी अधिकारियों, एसोसिएट एनसीसी अधिकारियों, विभिन्न एनसीसी इकाइयों और कॉलेजों के जेसीओ और एनसीओ ने भी कैडेटों को प्रेरित करने के लिए दौड़ में भाग लिया।
भारत के हॉकी खिलाड़ी, ओलंपिक पदक विजेता और अर्जुन पुरस्कार विजेता विवेक सागर प्रसाद ने ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। दौड़ शहर के शौर्य स्मारक पर समाप्त हुई।