यूपी के सोनभद्र की MP-MLA अदालत ने शुक्रवार को दुद्धी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक रामदुलार गोंड को रेप केस में 25 साल की सजा सुनाई। अदालत ने 12 दिसंबर को रामदुलार गोंड को नाबालिग लड़की से नौ साल पहले रेप करने का दोषी करार दिया था। इस सजा के बाद उन्हें यूपी विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाना तय है। जनप्रतिनिधित्व कानून के हिसाब से किसी भी जनप्रतिनिधि को दो या उससे अधिक साल की कैद होने पर ‘दोषसिद्धि’ की तारीख से सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य माना जाएगा। सजा पूरी होने के बाद अगले 6 साल के लिए वह सदन की सदस्यता के लिए योग्य नहीं होगा।
यह घटना चार नवंबर 2014 की है। घटना के समय विधायक की पत्नी ग्राम प्रधान थीं। पीड़ित लड़की के भाई की तहरीर पर म्योरपुर थाना की पुलिस ने रामदुलार गोंड के खिलाफ मामला दर्ज किया था। गोंड उस समय विधायक नहीं थे। मामले की सुनवाई पॉक्सो अदालत में चल रही थी। गोंड के विधायक बनने के बाद मामले की सुनवाई एमपी/एमएलए अदालत में ट्रांसफर कर दी गई। अदालत में जब विधायक गोंड को सजा सुनाई गई तो उनकी गर्दन झुकी हुई थी और वह उदास थे। दूसरी तरफ पीड़िता के भाई ने अदालत के फैसले पर संतोष जताते हुए कहा कि लंबे संघर्ष और उतार-चढ़ाव के बाद आखिरकार उन्हें इंसाफ मिला।
नाबालिग से दुष्कर्म में सोनभद्र की दुद्धी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को 25 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही दस लाख रुपये जुर्माना लगाया गया। जुर्माना न देने पर दोषी विधायक को तीन वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इसी तरह दुष्कर्म पीड़िता को धमकाने के मामले में दो वर्ष की सजा सुनाई गई। पांच हजार रुपये जुर्माना ठोंका गया है। जुर्माना न देने पर छह महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई है। जुर्माने की पूरी राशि दुष्कर्म पीड़िता को दी जाएगी। अदालत के आदेश के बाद रामदुलार गोंड की विधानसभा की सदस्यता जानी तय है।
नवंबर 2014 में म्योरपुर थाने में नाबालिग से दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें रामदुलार गोंड को मुख्य आरोपी बनाया गया था। 2022 के विधानसभा चुनाव में रामदुलार को भाजपा से टिकट मिला और वह जीत गया, फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर दुष्कर्म मामले की सुनवाई एमएपी-एमएलए कोर्ट में शुरू हुई।
एफआईआर के मुताबिक गोंड ने किशोरी को धमका कर एक साल तक उसके साथ दुष्कर्म किया, जिससे वह गर्भवती हो गई थी। पीड़िता की आठ साल की बेटी है। मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान में पीड़िता ने रोते-रोते आपबीती सुनाई थी। पीड़िता के बयान के आधार पर कोर्ट ने गोंड को सजा सुनाई है। पीड़िता और उसके भाई ने फैसले पर खुशी जताते हुए इसे न्याय की जीत बताया है।
रामदुलार सजा होने पर विधायकी गंवाने वाले मौजूदा विधानसभा के चौथे विधायक होंगे। इससे पहले रामपुर से सपा विधायक और पूर्व मंत्री मो. आजम खान, उनके बेटे और स्वार से विधायक अब्दु्ल्लाह आजम और मुजफ्फरनगर के खतौली से विधायक विक्रम सैनी को भी दो साल या उससे ज्यादा सजा होने पर विधायकी गंवानी पड़ी थी। दुद्धी सीट पर भाजपा को पहली बार 2022 में जीत मिली थी। ऐसे में विधायक को सुनाई गई सजा को भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इससे पहले वर्ष 2017 में भाजपा और अपना दल-एस गठबंधन से इस सीट से जीते हरिराम चेरो को भी आर्म्स एक्ट में तीन साल की सजा हो चुकी है।