देश की सबसे पुरानी पार्टी मानी जाने वाली पार्टी कांग्रेस का आज कांग्रेस पार्टी आज 139वां स्थापना दिवस है। इस मौके पर पार्टी नागपुर में एक बड़ा आयोजन करने जा रही है। 28 दिसंबर साल 1885 में आज ही के दिन देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की स्थापना हुई थी। कांग्रेस की स्थापना का श्रेय ब्रिटिश अधिकारी एलन ऑक्टेवियन ह्यूम को जाता है। हालांकि इसके अध्यक्ष हमेशा भारतीय ही रहे। इतिहासकार मानते हैं कि 1857 की क्रांति ने अंग्रेजों की जड़ें हिला कर रख दी थी अंगेज नहीं चाहते थें कि ऐसी कोई क्रांति फिर से हो इसलिए उन्होंने एक ऐसा मंच बनाने की कोशिश की जहां कोई भी हिन्दुस्तानी अपनी आवाज रख सके और विरोध जता सके। अंग्रेजों की यह सोच कितनी कारगार साबित हुई ये तो नहीं पता हां लेकिन ये जरूर कहा जा सकता है कि शायद अंग्रेजो ने भूल से ही अपनी भारत में अपने शासन की कब्र खोदने की शुरुआत कर दी थी।
कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इसे राजनैतिक नजरिए से नागपुर में करके जनता के सामने एक बड़ा दांव खेलना चाहती है। कांग्रेस का कहना है कि हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के गढ़ में ‘हैं तैयार हम’ नाम की महारैली के साथ कांग्रेस 2024 लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत करेगी। इस रैली को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी संबोधित करेंगे।
कांग्रेस की इस महारैली इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यह नागपुर में की जा रही है। जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मुख्यालय और ऐतिहासिक ‘दीक्षाभूमि’ स्थित हैं। दीक्षाभूमि में डॉ. भीमराव आंबेडकर ने बौद्ध धर्म को अपनाया था। इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने बुधवार को कार्यक्रम स्थल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि यह देश के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा। पार्टी केंद्र की सत्ता से भाजपा को हराने के लिए बदलाव का संदेश देगी।
पटोले ने आगे कहा कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था, संविधान और लोकतंत्र के चारों स्तंभ खतरे में हैं। इन व्यवस्थाओं को अक्षुण्ण रखना कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है। आपातकाल के बाद (तत्कालीन प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी ने नागपुर में एक जनसभा की थी और तब कांग्रेस ने विदर्भ से सभी सीटें जीती थीं। नागपुर में इतिहास दोहराया जाएगा और देश में एक बड़ा ‘परिवर्तन’ होगा।
पटोले ने कहा कि कांग्रेस के 60 साल तक सत्ता में रहने के दौरान जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक सभी ने भारत को महाशक्ति बनाने का प्रयास किया, लेकिन दुर्भाग्य से पिछले 10 वर्षों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार देश को सबसे निचले स्तर पर ले गई है। जाति-धर्म के नाम पर सांप्रदायिक तनाव पैदा कर देश को पतन की ओर ले जाया गया है।