कांग्रेस पार्टी के सांसद कार्ति चिदंबरम ने वाघ बकरी चाय समूह के कार्यकारी निदेशक पराग देसाई की मौत के बाद आवारा कुत्तों की समस्या को गंभीर मसला बताते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय से इसमें हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। पूर्व वित्त एवं गृहमंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति ने मंगलवार को कहा कि देश में आवारा कुत्तों की समस्या बेहद गंभीर बनती जा रही है और इसके समाधान के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स बनाने की मांग की है। चिदंबरम ने कहा कि इस समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और इससे निपटने के लिए एक व्यवस्थित और वैज्ञानिक दृष्टिकोण की जरूरत है।
सोशल प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर किये एक पोस्ट में चिदंबरम ने कहा, “हमें आवारा कुत्तों की समस्या से तुरंत निपटने के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स की आवश्यकता है। इसके लिए एक नैतिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। अपर्याप्त रूप से स्थानीय प्रशासन अधिकारियों से अपेक्षा करना व्यर्थ है। पीएमओ को इस मुद्दे पर तत्काल गंभीरता से सोचना चाहिए।
कार्ति चिदम्बरम ने यह मांग उस घटना के मद्देनजर की है जिसमें वाघ बकरी चाय समूह के कार्यकारी निदेशक पराग देसाई की आवारा कुत्तों के हमले में जान चली गई थी। यह घटना बीते 15 अक्टूबर को उस वक्त हुई जब पराग देसाई शाम की सैर के दौरान आवारा कुत्तों के हमले से बचने के दौरान जमीन पर गिर गये और उस कारण 49 साल के देसाई के मस्तिष्क में गंभीर चोट लगी और बाद में उनकी मृत्यु हो गई। घटना के बाद देसाई को अहमदाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों को जांच में उनके शरीर पर कुत्ते के काटने का कोई निशान नहीं मिले लेकिन उनकी मौत कुत्तों के हमले के कारण हुई।
घटना के मामले में शहर की सरखेज पुलिस ने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया है। मामले में पुलिस की जांच जारी है। देसाई अहमदाबाद स्थित वाघ बकरी चाय समूह के दो कार्यकारी निदेशकों में से एक थे। कंपनी में पराग के अलावा दूसरे निदेशक पारस देसाई थे। मृतक पराग देसाई कंपनी के प्रबंध निदेशक रसेश देसाई के बेटे थे। उन्होंने अमेरिका की लॉन्ग आइलैंड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया था। कंपनी में उनकी जिम्मेदारी बिक्री, मार्केटिंग और निर्यात का था। इसके अलावा पराग देसाई एक विशेषज्ञ चाय परीक्षक भी थे।