श्रेष्ठ भारत (Shresth Bharat) | Hindi News

Our sites:

|

Follow us on

|

उत्तराखंड के उल्लू सरकारी सुरक्षा के घेरे में


उल्लू इन दिनों कड़ी सुरक्षा के घेरे में है उल्लू के लिए कड़ा पहरा है। वन विभाग की टीमें उल्लू की सुरक्षा के लिए दिन-रात जुटी हुई हैं। उल्लू के लिए उत्तराखंड के जंगलों में इन दिनों जिस तरह की सुरक्षा व्यवस्था की गई है। वो किसी जेड सिक्योरिटी से कम नहीं है।

दीपावली रोशनी का त्यौहार है अंधेरे को मिटाकर जिंदगी में उजाला फैलाता है यही दिवाली का असली संदेश है। दिवाली पर हर कोई मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहता है ताकि जीवन धन और खुशहाली से भरा रहे। लेकिन दिवाली से जुड़े कई कड़वे सच भी हैं दिवाली आती है तो कई लोग अलग अलग टोटकों और मान्यताओं को मानते हुए भी पूजा पाठ करते हैं। इस दिन कई लोग उल्लू के शिकार की तलाश में रहते हैं ऐसा इसलिए क्योंकि पुरानी कथाओं और मान्यताओं का हवाला देते हुए ऐसा कहा जाता है कि दिवाली पर उल्लू की बलि देने से बलि देने वाला धनकुबेर बन जाता है। दिवाली के मौके पर उल्लू के पीछे कई लोग पड़ जाते हैं। खासतौर पर तंत्र मंत्र में यकीन करने वाले लोग किसी भी तरह उल्लू तक पहुंचना चाहते हैं और यही वजह है कि उत्तराखंड में उल्लू की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने दिन रात एक कर रखा है।

उत्तराखंड के जंगलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। वन विभाग के कर्मचारियों की छुट्टियां तक रद्द कर दी गई हैं। उल्लुओं को शिकारियों से बचाने के लिए वनकर्मी दिन-रात उनकी हिफाजत में लगे हुए हैं। विश्वभर की संस्कृतियों के लोकाचार में उल्लू को भले ही अशुभ माना जाता हो लेकिन ये संपन्नता का प्रतीक भी है। भारत में हिंदू मान्यताओं के अनुसार उल्लू धन की देवी मां लक्ष्मी का वाहन है पर यही मान्यता उल्लू के लिए दुश्मन भी बन गई है। दीपावली आते ही उल्लूओं की तस्करी बढ़ जाती है दीपावली की रात उल्लूओं की बलि देने की कोशिश की जाती है। ये ऐसा अंधविश्वास है जो उल्लू जैसे बेजुबान पक्षी की बड़ी संख्या में हर साल जान लेता है।

इसी अंधविश्वास को रोकने की कोशिश उत्तराखंड समेत देश के कई राज्यों में हर साल की जाती है। वहां के जंगली इलाकों में हर साल दिवाली से पहले ऐसी मुहिम चलाई जाती है। उत्तराखंड में सभी वन विभाग क्षेत्र, राष्ट्रीय उद्यान, सेंचुरी और कंजर्वेशन रिजर्व प्रशासन को उल्लूओं की सुरक्षा करने को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है।

भारत में वन्यजीव संरक्षण से जुड़ा कानून है जो देश के वन्यजीवों को सुरक्षा प्रदान करने और अवैध शिकार, तस्करी और अवैध व्यापार को नियंत्रित करने के लिए लागू किया गया था। इस कानून में 66 धाराएं हैं और 6 अनुसूचियां हैं जिसके तहत अलग अलग तरह की सजा का प्रावधान है।

ये भी देखें


संबंधित खबरें

वीडियो

Latest Hindi NEWS

Sultanpur robbery| shreshth bharat
सुल्तानपुर लूटकांड में मंगेश के बाद अजय यादव का एनकाउंटर, एक लाख का था इनामी
Tirupati Temple Prasad| SHRESHTH BHARAT
तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिली जानवरों की चर्बी, जानें क्या है पूरा मामला
Pitru Paksha 2024:| shreshth bharat
Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष का तृतीया श्राद्ध आज, इस विधि से करें तर्पण और पिंडदान
Israel Attacks Lebanon| SHRESHTH BHARAT
इजरायल ने लेबनान पर दागे ताबड़तोड़ रॉकेट, हिजबुल्लाह चीफ नसरुल्लाह दे रहे थे भाषण
PM Narendra Modi
'वंशवाद की राजनीति…', PM मोदी ने श्रीनगर में तीनों परिवारों पर बोला तीखा हमला
ind vs ban
अश्विन के शतक से शुरूआती झटकों से उबरा भारत, जडेजा ने लगाया अर्धशतक