Swati Maliwal assault case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 2 जुलाई को स्वाति मालीवाल से मारपीट के मामले में विभव कुमार को जमानत दे दी है। विभव को कोर्ट ने कुछ शर्तों के आधार पर ये राहत दी है। इसी दौरान कोर्ट ने विभव कुमार की जमानत याचिका पर टिप्पणी भी की।
कोर्ट ने कहा कि आरोपी को 100 दिन से ज्यादा हिरासत में रहते हो गया है। मेडिकल रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला साधारण चोट का है तो आरोपी को ज्यादा दिन जेल में नहीं रखा जा सकता है, लेकिन दिल्ली पुलिस ने विभव कुमार की जमानत का कड़ा विरोध किया और कहा कि विभव सबूतों और गवाहों को हानि पहुंचा सकता है। इस मामले में अभी और गवाहों को पेश करना बाकी है।
दिल्ली पुलिस के इस जवाब पर कोर्ट ने कहा कि हम विभव के लिए इस तरह की शर्त रखेंगे कि वह ऐसा कुछ नहीं कर सकेगा।
क्या था मामला?
विभव कुमार को 18 मई को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। विभव कुमार पर आप राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ सीएम आवास में मारपीट का आरोप लगा था। इससे पहले कोर्ट ने 12 जुलाई को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि रिकॉर्ड के मुताबिक अब तक इस मामले में 51 गवाहों के बयान होने हैं, जिस वजह से मुकदमे में समय लगेगा।
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जज ने कहा, एडिशनल सॉलिसीटर जनरल का कहना है कि आरोपी अहम गवाहों और सबूतों के साथ छेडछाड़ कर सकता है। उनका कहना है कि उन गवाहों के बयान होने तक जमानत न दी जाए। हम ऐसी शर्त लगाना चाहते हैं, जिससे वह ऐसा न कर सके। अगर आरोपी गवाहों पर असर डालने की कोशिश करेगा, तो इसे जमानत का दुरुपयोग माना जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने इन 5 शर्तों के साथ दी जमानत
- आरोपी सीएम के घर और ऑफिस न जाए।
- आरोपी को कोई ऐसा पद न दिया जाए जिससे वह सबूतों को प्रभावित कर सके।
- विभव को सीएम का निजी सचिव या ऐसा कोई पद न दिया जाए।
- जिस पार्टी से आरोपी जुड़ा है, उसके नेता इस केस पर टिप्पणी न करें।
- 3 महीने के अंदर अहम गवाहों के बयान निचली अदालत में दर्ज करें।