गूगल की उम्र आज भले मात्र 25 की हुई है पर कारनामे विश्व प्रसिद्ध हैं। आज गूगल सबकी जुबान पर चढ़ा रहता है। बच्चा हो या बूढ़ा जो कुछ भी ढूंढना हो गूगल और गूगल पर आकर हमारी सारी समस्याएं हल हो जाती हैं। बच्चों के प्रोजेक्ट्स ले लेकर कंपनियों के रिसर्च वर्क तक सबका एक ही हल है गूगल। आइए आज गूगल के बारे में आपको महत्वपूर्ण जानकारियां देते हैं।
इंटरनेट सर्च इंजन
सर्गे ब्रिन और लैरी पेज 1996 में स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पीएचडी कर रहे थे। उन्होंने शुरुआत में स्टेनफोर्ड डिजिटल लाइब्रेरी प्रोजेक्ट (एसडीएलपी) पर काम किया। तभी यह इंटरनेट सर्च इंजन के रूप में शुरू हुआ और लंबे सफर के बाद आज एक विशाल कंपनी में तब्दील हो चुका है।
गूगल की आधिकारिक तौर पर शुरुआत 4 सितंबर, 1998 को हुई थी। आज यह कंपनी पूरी दुनिया में पसंदीदा सर्च इंजनों में पहले नंबर पर है। इसके कारोबार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें 32 हजार लोगों का स्टाफ काम करता है और यह एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है। इसका कारोबार सिर्फ अमेरिका ही नहीं, इसके अलावा भी कई देशों में फैला हुआ है।
वेबसाइट की लोकप्रियता रेटिंग बताने वाली संस्था अलेक्सा की सूची में गूगल डॉट कॉम दुनिया में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली वेबसाइटों में पहले पायदान पर है।
गूगल नहीं बैकरब था पहला नाम
गूगल को अंग्रेजी में लिखा जाता है google, शायद आप जानते हों, लेकिन असल में यह googol की गलत स्पेलिंग है। पेज और ब्रेन ने पहले इसका नाम बैकरब रखा था।
जब 15 सितंबर 1997 को इसके डोमेन रजिस्ट्रेशन का समय आया, तो लैरी ने इसका नाम गूगल कर दिया। इसके पीछे कारण यह था कि लैरी की गणित में रुचि थी। गूगल की शुरुआत में लैरी की कल्पना थी कि एक ऐसा सर्च इंजन बनाया जाए, जो विभिन्न वेबसाइटों के आपसी संबंध का विश्लेषण कर सके।
लीगो ने जब बनाया पहला स्टोरेज
सर्च इंजन के मामले में दुनिया की नंबर 1 कंपनी गूगल का पहला स्टोरेज लीगो ने 1996 में बनाया था। उस समय गूगल का नाम बैकरब था। बैकरब की स्टोरेज क्षमता 40जीबी थी, जो आज के आईपॉड से भी कम है।
गूगल का मार्केट में जब आया था आईपीओ
जिस समय 19 अगस्त 2004 में गूगल का आईपीओ लॉन्च किया गया, तब लोगों में इसके लिए बहुत ज्यादा क्रेज देखा गया था। इसकी शुरुआती कीमत 85 अमेरिकी डॉलर रखी गई थी। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह 600 अमेरिकी डॉलर के आंकड़े तक पहुंच चुका है।
गूगल का लोगो
गूगल के लोगो से जुड़ा दिलचस्प राज यह है कि 31 मार्च 2001 को यह होम पेज पर सेंटर में प्लेस नहीं था। 31 मार्च 2001 के बाद इसे होम पेज पर सेंटर में जगह दी गई।
साल 1998 से 2001 तक इसकी प्लेसिंग बाईं तरफ थी। गूगल सर्च इंजन में दूसरे नंबर पर कायम याहू की स्टाइल में गूगल लिखने के बाद एक्सक्लेमेट्री (!) मार्क भी लगाता था।
गूगल का पहला स्नैक्स
गूगल के ऑफिस में जब पहली बार कंपनी की तरफ से स्नैक्स का ऑर्डर किया गया था तो यह ‘स्वीडिश फिश’ था। उस समय गूगल की तरफ से अपने कर्मचारियों को ड्रिंक नहीं दी गई थी।
हालांकि यह गूगल की तरफ से आर्गनाइज किया जाने वाला काफी छोटा इवेंट था। आज के समय में इंडस्ट्री में गूगल अपने कर्मचारियों को फ्री स्नेक्स और फ्री ड्रिंक देने के मामले में मशहूर है।
गूगल और एंड्रॉयड
एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम को गूगल ने नहीं बल्कि एंडी रॉबिन, रिच मिलर, निक्स स्यर्स और क्रिस वह्इट(CHRIS WHITE) ने मिलकर तैयार किया था।