हमास-इजरायल के बीच संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। हमास-इजरायल के युद्ध का आज उन्नीसवां दिन है। हमास द्वारा रिहा की गई एक महिला बुजुर्ग इजरायली बंधक ने कहा कि उसे 7 अक्टूबर को अपने क्षेत्र में ले जाने के दौरान गाजा स्थित संगठन हमास द्वारा पीटा गया। लेकिन, दो सप्ताह की कैद के दौरान उसके साथ अच्छा व्यवहार भी किया गया।
85 वर्षीय योचेवेद लिफ़शिट्ज़ उन दो महिलाओं में से एक हैं जिन्हें सोमवार को मुक्त किया गया। लगभग 220 बंधक अभी भी हमास के कब्जे में हैं। बुजुर्ग महिला ने कहा कि जब उन्हें गाज़ा के भीतर सुरंग में रखा गया था उसी स्थान पर उनकी मुलाकात एक डॉक्टर से हुई। साथ ही बुजुर्ग महिला ने यह भी उनकी सभी ज़रूरतों का ध्यान रखा गया था।
उन्होंने कहा “मैं नरक से गुजर चुकी हूं हमने नहीं सोचा था कि हम इस स्थिति में पहुंच जाएंगे। जब मैं बाइक पर थी तो मेरा सिर एक तरफ था और शरीर का बाकी हिस्सा दूसरी तरफ था। जब मैं रास्ते में थी तो युवकों ने मुझे मारा उन्होंने मेरी पसलियां नहीं तोड़ी लेकिन ये दर्दनाक था और मुझे सांस लेने में कठिनाई हुई।”
हमास द्वारा रिहा की गई दूसरी बंधक 79 वर्षीय नुरिट कूपर हैं। नुरिट कूपर, लिफ़शिट्ज़ और उनके अस्सी वर्षीय पति 7 अक्टूबर को अपहृत बंधकों में से एक थे। कतर और मिस्र की मध्यस्थता के बाद हमास ने मानवीय कारणों का हवाला देते हुए कूपर और लिफ़शिट्ज़ को रिहा कर दिया। उनकी रिहाई दो अन्य अमेरिकी नागरिक की रिहाई के कुछ दिनों बाद हुई है।
मिस्र से दोनों महिलाओं को इजराइल की राजधानी तेल अवीव स्थित इचीलोव अस्पताल लाया गया। उनका स्वास्थ्य परीक्षण हुआ जिसमें दोनों की सेहत ठीक ठाक बताई जा रही है। दोनों बातचीत कर रही हैं और अपने परिजनों से मिलकर काफी खुश हैं। फिलहाल दोनों डॉक्टर्स की निगरानी में हैं। बताया जा रहा है कि दोनों को लगभग 2 हफ्तों तक सही मेडिकल सहायता नहीं मिली है इसलिए देखभाल की जा रही है।
अमेरिका कतर समेत अन्य मध्यस्थों के जरिए बंधकों को रिहा कराने की कोशिश कर रहा है। कतर के प्रयास से ही हमास ने पिछले हफ्ते दो अमेरिकी बंधकों- मां-बेटी को रिहा किया था। अभी हमास के कब्जे में 220 नागरिक बंधक हैं जिनमें अमेरिका समेत कई देशों के लोग शामिल हैं।