सचिन के साथ जन्म-जन्म का साथ निभाने के लिए सीमा ने कराची से ग्रेटर नोएडा का 5200 किलोमीटर का सफर तय किया। सीमा पहले कराची से शारजाह पहुंची जो कराची से 1170 किलोमीटर की दूरी पर था, इसके बाद शारजाह से काठमांडू जो एक दूसरे से 2970 किलोमीटर दूर हैं और फिर काठमांडू से ग्रेटर नोएडा जो 1083 किलोमीटर दूरी पर हैं। सीमा 10 मई को ग्रेटर नोएडा पुहंची थी और अब इस बात को छह महीने गुजरने वाले हैं। टीवी चैनलों की सुर्खियों से तो वो भले ही गायब हो गई हो लेकिन सीमा ने खुद का अपना यूट्यूब चैनल खोल लिया है और सोशल मीडिया पर उसके रील आए दिन वायरल होते रहते हैं। यूट्यूब चैनल भी मोनीटाइज हो गया है और पैसे आने भी शुरु हो गए हैं। इन सब के बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर सीमा हैदर मामले में जांच कहां तक आगे बढ़ी है या फिर कहें कि कहां जाकर अटक गई है। सीमा को भारत में अवैध तरीके से घुसने पर 4 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। नोएडा पुलिस, यूपी एटीएस, आईबी, रॉ और एनआईए जैसी तमाम एजेंसियां सीमा और सचिन से पूछताछ कर चुकी हैं और इस मामले की जांच कर रही हैं लेकिन चार पन्नों की रिपोर्ट की वजह से ये जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है या फिर कहें कि पुलिस और एजेंसियों ने पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। दरअसल ये चार पन्नों की रिपोर्ट नेपाल, दुबई और पाकिस्तान भेजी गई है जिसमें सीमा से जुड़े कई जरुरी और गैरजरुरी दस्तावेज हैं जिनका वेरिफिकेशन इन देशों की सरकारों को करना है। दरअसल सीमा जो कहानी सुना रही है उसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि तो यही देश करेंगे। शुरुआत होती है पाकिस्तान से जहां का नागरिक सीमा खुद को बताती है. वहां की सरकार इस बात का वेरफिकेशन करेगी कि सीमा पाकिस्तान में ही जन्मी, उसके परिवार में कौन-कौन है, उसकी शादी कब हुई, किससे हुई, पति क्या करता है, बच्चों के बर्थ सर्टिफिकेट और तमाम ऐसे दस्तावेज जो ये साबित करेंगे कि सीमा हैदर पाकिस्तान से ही है और जो कहानी वो जांच एजेंसियों को सुना रही है वो बिल्कुल सच्ची है। इसके बाद चार पन्नों की उस रिपोर्ट पर यूएई की सरकार अपनी रिपोर्ट लगाएगी जिसमें वो इस बात की तस्दीक करेगी कि सीमा फलां तारीख को कराची से फ्लाइट लेकर शारजाह पहुंची और फिर वहां से उसने नेपाल की कनेक्टिंग फ्लाइट पकड़ी। इसके बाद नेपाल की सरकार सीमा के नेपाल में आने और रुकने और उसके बाद काठमांडू से ग्रेटर नोएडा जाने की तस्दीक करेगी। हालांकि सीमा हैदर शारजाह के रास्ते एक बार पहले भी काठमांडू आ चुकी है जहां पर उसकी सचिन से मुलाकात हुई थी। इन तीन देशों की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी, हालांकि सीमा हैदर से जो पांच फोन बरामद हुए थे उनकी फॉरेंसिंक जांच होना भी अभी बाकी है। इसके अलावा सीमा हैदर का लाई डिटेक्टर टेस्ट और साइकोएनालिसिस टेस्ट होना बाकी है. ये सब कुछ हो जाने के बाद ही पूरे मामले में चार्जशीट दायर होगी। आमतौर पर कोई शख्स जेल में होता है तो चार्जशीट दायर करने का वक्त 90 दिन का होता है लेकिन सीमा जमानत पर बाहर है जिस वजह से चार्जशीट लगाने की समय सीमा नहीं है. इस बीच पूरे देश से सीमा हैदर को पैसे भेजे जा रहे हैं और इसी पैसे से सीमा हैदर ने सचिन के घर में एक नया कमरा भी बना लिया है। निर्भया कांड में दोषियों के वकील रहे ए पी सिंह सीमा हैदर के मामले में भी कूद पड़े हैं और वो सीमा को लीगल एड दे रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रपति को सीमा हैदर के मामले में दया याचिका लगाई थी जिसे गृह मंत्रालय को भेज दिया गया है और गृह मंत्रालय की ओर से ही ये चार पन्नों की रिपोर्ट विदेश मंत्रालय के जरिए पाकिस्तान, नेपाल और यूएई भेजी गई है। अब वहां से रिपोर्ट आ जाती है उसके बाद ही सीमा हैदर की किस्मत का फैसला होगा। हालांकि जांच एजेंसियों के अधिकारियों का मानना है कि सीमा हैदर को भारत की नागरिकता नहीं देनी चाहिए क्योंकि अगर ऐसा होता है तो ये एक नजीर बन जाएगी और हर कोई भारतीय नागरिकता लेने के लिए सीमा हैदर मामले का ही हवाला दिया करेगा। सीमा हैदर अपने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करती रहती है जिसमें वो अपनी मुस्लिम वाली छवि छोड़कर एक सनातनी वाली छवि दिखाने की कोशिश कर रही है। वो कई बार मीडिया के सामने कह चुकी है कि वो पाकिस्तान वापस जाने के बजाय हिदुस्तान में मरना पसंद करेगी। जांच एजेंसियों अभी भी जांच में लगी हुई हैं और अब तक उन्होंने सीमा हैदर पर पाकिस्तानी जासूस होने की मुहर नहीं लगाई है। जांच रिपोर्ट आ भी जाती है और सीमा को पाकिस्तान डिपोर्ट कर भी दिया जाता है तो मान कर चलिए सीमा के वकील ए पी सिंह कानून का कोई ऐसा पेंच फंसा ही देंगे जिससे सीमा हैदर ज्यादा से ज्यादा समय या फिर हमेशा के लिए हिंदुस्तान में रह सके।