पंजाब के शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर मुद्दे पर पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मुलाकात की। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा, “मैं पंजाब के मुख्यमंत्री और अरविंद केजरीवाल से कहना चाहता हूं कि आप राजस्थान और हरियाणा को पानी देने के लिए जितना संभव हो उतना प्रयास करें। हम किसी को भी पंजाब से पानी नहीं लेने देंगे।” यहां पहले से ही पानी की कमी है। हम लड़ेंगे, भले ही इसमें हमारी जान चली जाए। मैं भारत सरकार से अनुरोध करना चाहता हूं कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एक विशेष कानून लाया जाए ताकि ये मुद्दा स्थायी रूप से हल हो जाए।” सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र से सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के एक हिस्से के निर्माण के लिए पंजाब में आवंटित भूमि के हिस्से का सर्वेक्षण करने को कहा।एसवाईएल नहर की परिकल्पना रावी और ब्यास नदियों से पानी के प्रभावी आवंटन के लिए की गई थी। इस परियोजना में 214 किलोमीटर लंबी नहर की परिकल्पना की गई थी, जिसमें से 122 किलोमीटर का हिस्सा पंजाब में और शेष 92 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में बनाया जाना था।हरियाणा ने अपने क्षेत्र में परियोजना पूरी कर ली है, लेकिन पंजाब, जिसने 19 82 में निर्माण कार्य शुरू किया था लेकिन बाद में इसे रोक दिया।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि उनकी पार्टी पानी की एक बूंद भी पंजाब से बाहर नहीं जाने देगी। उन्होंने कहा, ‘न नहर बनेगी, न ही पानी है।’ उन्होंने राज्यपाल से यह भी अपील की है कि वे केंद्र सरकार को एसवाईएल नहर मुददे पर पंजाब के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को सुधारने के लिए संसद में कानून लाने की सिफारिश करें और इसे राइपेरियन सिद्धांत के तहत सुलझाएं, जिसके तहत पंजाब को अपने क्षेत्र में बहने वाले पानी पर अविभाज्य अधिकार प्राप्त है।प्रतिनिधिमंडल में शामिल बिक्रम सिंह मजीठिया, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, डॉ. सुखविंदर कुमार और अनिल जोशी ने राज्यपाल से कहा कि पंजाब से पानी हरियाणा तक पहुंचाने के इरादे से केंद्र सरकार की ओर से जबरन सर्वेक्षण कराने की कोशिश से पंजाब में किसानों का गुस्सा फूटने की संभावना है, जिसे रोकना बेहद मुश्किल होगा।
राजपाल से मुलाकात के बाद शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि राज्य में कोई एसवाईएल नहर अब नहीं है, जिस जमीन पर नहर बनाई गई थी, उसे 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने किसानों को हस्तांतरित कर दिया था। उन्होंने कहा कि हमारे पास देने के लिए पानी नहीं है। राज्य में सत्ता संभालने के बाद अकाली दल सभी जल बंटवारा समझौतों को समाप्त कर देगा। हम राजस्थान में पानी बहने से रोकेंगे।