मणिपुर में मई से चल रही जातीय हिंसा थमने का नाम नही ले रही है । मणिपुर के दो समुदाय बहुसंख्यक मैतेई और अल्पसंख्यक कुकी के बीच झड़प लगातर बढ़ती जा रही है । आलम यह है कि दोनों समुदाय एक-दूसरे को खत्म करने पर उतारू है।
मणिपुर में 5 युवकों की गिरफ्तारी को लेकर भीड़ ने हिंसक प्रदर्शन किया। बिना शर्त इन युवकों की रिहाई की मांग कर रही भीड़ ने इंफाल पूर्व में पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन और इंफाल पश्चिम जिले में सिंगजामेई पुलिस स्टेशन और क्वाकीथेल पुलिस चौकी पर हमला करने की कोशिश की। हांलाकि सुरक्षा बलों ने उनकी इस कोशिश को नाकाम कर दिया।
दरअसल 16 सितंबर को मणिपुर पुलिस ने अल्ट्रा-मार्डन हथियार रखने और फर्जी वर्दी पहनने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा था कि उन्होंने पांचों आरोपियों को न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया था जहां से उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
सुरक्षा बलों ने इन लोगों की भीड़ पर आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसमें 10 से अधिक लोग जख्मी हो गए। अधिकारियों ने इस बारे मे जानकारी देते हुए बताया कि एहतियात के तौर पर राज्य सरकार ने इंफाल के दोनों जिलों में शाम पांच बजे से कर्फ्यू में दी गई ढील रद्द कर दी है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि भीड़ को छह स्थानीय क्लबों और मीरा पैबिस ने उकसाया था।
मणिपुर में हो रही जातीय हिंसा के कारण 150 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी है।