हरदीप सिंह “निज्जर” हत्याकांड मामले में कनाडा द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों के बाद अब दोनों देशों के रिश्तों में दरार सी आ गई है। कनाडा और भारत एक दूसरे पर आरोप पर आरोप प्रत्यारोप लगाने से पीछे नहीं हट रहे हैं। आरोपों पर भारत सरकार एक्शन मोड में है। भारत ने पहले कनाडा के उच्चायुक्त को तलब कर उन्हें पांच दिनों के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया था। इसके बाद सरकार ने कनाडा के लिए वीजा सर्विस सस्पेंड कर नागरिकों की एंट्री पर रोक लगा दी। भारत और कनाडा के बिगड़ते संबंध के एक बीच एक नाम की चर्चा जोरों पर हैं। ये नाम है ‘Five Eyes’। भारत और कनाडा मसले के बीच इस नाम की चर्चा होना इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि इसमें वो देश शामिल हैं, जिससे भारत के संबंध हाल के सालों में काफी मजबूत हुए हैं।
Five Eyes
‘Five Eyes’ एक पांच देशों का समूह है। इसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और कनाडा शामिल हैं। इस फाइव आइज अलायंस का मकसद खुफिया जानकारी को एक-दूसरे तक पहुंचाना है। सूत्रों के हवाले से यह दावा किया जा रहा है कि कनाडा और भारत के बीच संबंध बिगड़ने की शुरुआती वजह ‘Five Eyes’ है। कनाडा सरकार ने हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड मामले की जांच करीब एक महीने पहले शुरू की थी। इस दौरान कनाडा सरकार ने कई जानकारियां जुटाई थीं।
कब बना था Five Eyes?
- द्वितीय विश्व युद्ध के समय 5 eyes की शुरुआत हुई थी।
- विश्व युद्ध के दौरान पहले सिर्फ अमेरिका और ब्रिटेन ही इसके सदस्य थे।
- दोनों देशों एक-दूसरे के साथ विश्व युद्ध से जुड़ी इंटेलिजेंस इनपुट को साझा करते रहे।
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भी इसे खत्म नहीं किया गया बल्कि साल 1948 में इस गठबंधन में कनाडा भी शामिल हो गया।
- इसके बाद इस अलायंस का विस्तार हुआ ।
- इसमें दो और देश शामिल हुए-
- साल 1956 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड भी इसके सदस्य बन गए।
Five Eyes क्यों आया चर्चा में ?
हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में कनाडा सरकार ने जांच के दौरान Five Eyes की भी मदद ली। सरकारी सूत्रों के अनुसार कनाडा सरकार को फाइव आइज नाम के खुफिया गठबंधन से कई अहम जानकारी मिली हैं। इस संबंध में फाइव आइज गठबंधन की ओर से कोई प्रतिक्रिया अबतक नहीं आई है। इस बीच नई दिल्ली में बैठे सरकारी अधिकारियों के हवाले से सूत्रों ने बताया कि सरकार इस मुद्दे को लेकर बेहद गंभीर है। संभावना ऐसी भी जतायी जा रही है कि इसकी मदद से कनाडा में बैठे भारतीय कर्मचारियों की जासूसी भी करवाई गई है।
सूत्रों के मुताबिक इस बात का अधिकारी दावा कर रहे हैं कि इस मामले में फोन टैपिंग की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। अगर कनाडा सरकार ने भारतीय राजनयिक और कर्मचारियों का फोन टैप किया है तो ऐसा करना वियना कन्वेंशन के खिलाफ होगा।