लोकसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे गठबंधन टूटते और जुड़ते नजर आ रहे हैं। बीजेपी के साथ गठबंधन करना शायद कर्नाटक में कुछ जेडीएस नेताओं को रास नहीं आ रहा है। इसी सिलसिले में एक और अल्पसंख्यक नेता ने पार्टी को छोड़ दिया है। कर्नाटक में पार्टी का गढ़ माने जाने वाले तुमकुरु जिले के जेडीएस उपाध्यक्ष ने बुधवार को भाजपा के साथ पार्टी के गठबंधन के विरोध में अपने पद से इस्तीफा दे डाला। पार्टी के प्रमुख अल्पसंख्यक नेता एस. शफ़ी अहमद ने पूर्व प्रधान मंत्री एच.डी. देवेगौड़ा और पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी को व्हाट्सएप पर अपना त्यागपत्र भेज दिया है।
अपने इस्तीफे में अहमद ने लिखा है कि वह तत्काल प्रभाव से जद (एस) पार्टी और उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस पार्टी छोड़कर जद(एस) में शामिल हो गए थे। लेकिन फिलहाल उनके भविष्य के कदम के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही है। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी द्वारा भाजपा से हाथ मिलाने का फैसला करने के बाद जद (एस) पार्टी के अल्पसंख्यक नेताओं ने एक बैठक की। इस बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सी.एम. इब्राहिम ने अभी तक इस घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी नहीं की है। पर, सूत्रों की मानें तो वह भी पार्टी छोड़ने पर विचार कर रहे हैं।
नाराज हैं कुछ मुस्लिम नेता
गठबंधन की घोषणा से पहले इब्राहिम के बिना नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बातचीत करने के देवेगौड़ा परिवार के कदम ने अल्पसंख्यक कैडर को नाराज कर दिया है। जनता दल (सेक्युलर) की कर्नाटक इकाई के उपाध्यक्ष सैयद शफीउल्ला साहब ने पिछले शनिवार को भगवा पार्टी के साथ गठबंधन पर नाखुशी व्यक्त करते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने ‘भविष्य की रणनीति’ को लेकर पार्टी के अन्य मुस्लिम नेताओं के साथ भी बैठकें की हैं। सूत्रों की माने तो जद(एस) का राज्य में मुस्लिम समुदाय पर “काफी प्रभाव” है। अब देखते हैं ऊंट किस करवट बैठता है।