देश में गणेश चतुर्थी पर्व की शुरूआत हो गई है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद के महीने में मनाया जाता है । इस दिन को शिव-पार्वती के पुत्र भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक माना जाता है । इस त्यौहार की विशेषता यह है कि इस दिन लोग अपने घरों और ऑफिस में गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करते है और अपनी श्रद्धानुसार विधि-विधान से पूजा पाठ करते हैं ।
महाराष्ट्र में गणपति उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है । मुंबई में भगवान गणेश की 69 किलो की सोने की मूर्ति बनाई गई है, जो सबसे महंगी मूर्ति है। इससे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहें हैं। मुंबई के सिद्धिविनायक में आज के दिन भगवान श्री गणेश की स्पेशल आरती की जाएगी, जहां बप्पा का स्वागत किया है । मुंबई के लालबागचा राजा के तर्ज पर नागपुर में बप्पा की प्रतिमा को धूमधाम से पंडाल तक लाया गया।
कोलकाता में चंद्रयान-3 के थीम पर तैयार गणेश पंडाल में चांद पर उतरे विक्रम लैंडर को दर्शाया गया है।
मुंबई में इस पर्व को बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। मुंबई पुलिस ने भी इसके लिए एड्वाइजरी भी जारी कर दी है। वहीं दूसरी तरफ गणेश चतुर्थी से एक दिन पहले, प्रसिद्ध उड़िया कलाकार सुदर्शन पटनायक ने ‘विश्व शांति’ के संदेश के साथ भगवान श्री गणेश का एक उत्कृष्ट चित्र बनाया।
गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन से लगता है कलंक
हिंदू पंचांग की मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए। गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा के दर्शन से मिथ्या दोष या मिथ्या कलंक लगता है। जिसका अर्थ होता है किसी चीज को चुराने का झूठा आरोप आप पर लग सकता है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है, भगवान कृष्ण ने भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखा था, इसलिए उनपर बहुमूल्य मणि चुराने का झूठा आरोप लग गया था। इसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने मिथ्या दोष से छुटकारा पाने के लिए गणेश चतुर्थी का व्रत रखा था।