आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कौशल विकास मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को चार सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दे दी। हाई कोर्ट के वकील सुनकारा कृष्णमूर्ति के अनुसार टीडीपी प्रमुख को 24 नवंबर तक शर्तों पर अंतरिम जमानत दी गई है।
चंद्रबाबू नायडू को स्वास्थ्य कारणों से जमानत दी गई है। उन्हें 24 नवंबर को आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया गया है। अदालत 10 नवंबर को मुख्य जमानत याचिका पर दलीलें सुनेगी। टीडीपी सुप्रीमो को अस्पताल में अपने मेडिकल चेक-अप के अलावा किसी अन्य कार्यक्रम में भाग नहीं लेने का आदेश दिया गया है। उच्च न्यायालय ने नायडू को मीडिया और राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं लेने का भी आदेश दिया।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को करोड़ों रुपये के कौशल विकास घोटाला मामले में आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने 9 सितंबर को गिरफ्तार किया था। जिससे राज्य में उथल-पुथल मच गई और कई टीडीपी नेताओं ने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी कुछ और नहीं थी यह एक राजनीतिक “जादूगर्दी” है और नायडू को झूठे आरोपों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।
कौशल विकास मामले के अलावा नायडू को दो अन्य भ्रष्टाचार मामलों – फाइबरनेट घोटाला मामला और इनर रिंग रोड घोटाला मामला में आरोपी के रूप में नामित किया गया है। इस बीच सोमवार को आंध्र प्रदेश अपराध जांच विभाग ने पिछली सरकार में शराब कंपनियों को अवैध लाइसेंस देने के आरोप में चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया। चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ मामला पीसी एक्ट 1988 के तहत दर्ज किया गया है। सीआईडी अधिकारियों ने मामले में चंद्रबाबू नायडू को आरोपी नंबर 3 के रूप में शामिल किया है। सीआईडी अधिकारियों ने एसीबी कोर्ट में मामले को लेकर जांच कराने की याचिका दायर की और कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई की इजाजत दे दी।