असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने हमास की निंदा नहीं की और पार्टी नेता राहुल गांधी के अनुरोध पर फिलिस्तीन के लिए अपने समर्थन की घोषणा की। सरमा ने ये भी कहा कि विपक्षी गुट ‘इंडिया’ में शामिल दलों के बीच कोई एकता नहीं है और इसका गठन सिर्फ भारत के “लोगों को धोखा देने” के लिए किया गया।
हिमंत बिस्व सरमा ने दावा किया कि सीडब्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने कहा तेलंगाना में चुनाव आ रहे हैं इसलिए फिलिस्तीन का समर्थन करना चाहिए और इसके बाद प्रस्ताव पारित किया गया। 9 अक्टूबर को अपनी पिछली बैठक में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के किए गए भयावह हमले का जिक्र किए बिना फिलिस्तीन के लिए अपना समर्थन जताया।
2015 में बीजेपी में शामिल होने से पहले दो दशक से अधिक वक्त तक कांग्रेस में रहे असम के मुख्यमंत्री हिमंत ने कहा कि सीडब्ल्यूसी के प्रस्ताव में हमास के बारे में एक भी शब्द नहीं है। सरमा ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन कांग्रेस अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के कारण आतंकवाद के खिलाफ कुछ नहीं कह रही है जबकि तथ्य ये है कि भारत आतंकवाद से पीड़ित है।
फिलस्तीन को भारत के लंबे समय तक समर्थन के बावजूद ”इजराइल के साथ खड़े होने” को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सरकार की कथित आलोचना की थी। इसके बारे में पूछे जाने पर सरमा ने कहा कि भारत में कुछ लोग हैं जो हमास को क्लीन चिट दे रहे हैं क्योंकि उन्हें तुष्टीकरण से परे कुछ नहीं दिख रहा है।