भारत का सूर्ययान Aditya L1 सफलतापूर्वक अपने मिशन पर अग्रसर है । धरती से 50 हजार किमी दूर पहुंचे सूर्ययान आदित्य L1 ने अपना काम शुरू कर दिया है।
ISRO ने आज सूर्य के करीब गए आदित्य-एल1 मिशन पर बड़ा अपडेट दिया। ISRO ने बताया,Aditya L1 ‘ने सांइटिफिक डेटा इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। STEPS उपकरण के सेंसरों ने पृथ्वी से 50 हजार किमी से भी अधिक की दूरी पर सुप्रा-थर्मल और एनर्जेटिक आयनों और इलेक्ट्रॉनों को मापना शुरू कर दिया है। यह डेटा वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद करता है।
आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) पेलोड के एक हिस्से ‘सुप्रा थर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर’ यानी STEPS उपकरण ने वैज्ञानिक डेटा जुटाना शुरू कर दिया है। स्टेप्स में छह सेंसर होते हैं । ये सेंसर अलग-अलग दिशाओं में स्टडी करते हैं जो अति-तापीय और एनर्जेंटिक आयनों को मापने का काम करते हैं। पृथ्वी की कक्षाओं के दौरान इकट्ठा किए गए डेटा से वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास खासतौर से पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की उपस्थिति में कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद मिलेगी।
स्टेप्स को 10 सितंबर 2023 को पृथ्वी से 50 हजार किमी से अधिक की दूरी पर एक्टिव किया गया था। यह दूरी पृथ्वी के रेडियस के 8 गुना से अधिक के बराबर है, जो इसे पृथ्वी के रेडिएशन बेल्ट क्षेत्र से काफी आगे रखती है। आवश्यक उपकरण की जांच को पूरा करने के बाद डेटा कलेक्शन तब तक जारी रहा जब तक अंतरिक्ष यान पृथ्वी से 50 हजार किमी से अधिक दूर पर नहीं चला गया।
Aditya L1 अपने मिशन के एक महत्वपूर्ण चरण को शुरू करने के लिए तैयार है। ISRO ने कहा है कि अंतरिक्ष यान मध्यरात्रि में ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (TL1I) से गुजरेगा। TL1 इंसर्शन पृथ्वी की कक्षा से एक प्रक्षेपण है जो 19 सितंबर को भारतीय समयानुसार सुबह लगभग 2:00 बजे आयोजित किया जाएगा। यह पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज बिंदु 1 (L1) की लगभग 110-दिवसीय यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है।