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दिल्ली विश्वविद्यालय की एकेडमिक कांउसिल ने दोहरी डिग्री कार्यक्रमों को मंजूरी दी


दिल्ली विश्वविद्यालय ने गुरुवार को अपनी 1016वीं अकादमिक काउंसिल की बैठक बुलाई जिसमें प्रमुख प्रस्तावों पर ध्यान केंद्रित किया गया। बैठक के दौरान दोहरी डिग्री योजना को लागू करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। दोहरी डिग्री योजना छात्रों को एक साथ दो शैक्षणिक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने की अनुमति देगी।

वाइस चांसलर योगेश सिंह की अध्यक्षता वाली बैठक में प्रतिष्ठित विदेशी संस्थानों के साथ ट्विनिंग, संयुक्त और दोहरी डिग्री योजनाओं के साथ-साथ दो शैक्षणिक डिग्री कार्यक्रमों में एक साथ शामिल होने और एनईपी 2020 के अनुसार क्रेडिट ट्रांसफर पर चर्चा की गई।

बैठक की शुरुआत में योगेश सिंह ने नियुक्तियों और प्रमोश्‌न्‌ समेत विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों पर विस्तृत रिपोर्ट पेश की। बैठक के दौरान एजेंडे पर चर्चा से पहले शून्यकाल चला जिसमें परिषद के सदस्यों ने अपने विचार और सुझाव साझा करते हुए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की

दिल्ली विश्व विद्यालय के वाइस चांसलर योगेश सिंह ने वर्तमान शैक्षणिक सत्र में प्रवेश पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। जिसमें बताया गया कि कुल 68,583 यूजी प्रवेश, 11,196 पीजी प्रवेश और 784 पीएचडी प्रवेश हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि 98 अनाथ छात्रों को एक विशेष आरक्षण योजना के तहत पूर्ण शुल्क माफी के साथ प्रवेश दिया गया था।

इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2022-2023 में वित्तीय सहायता प्रणाली के तहत 1009 छात्रों को कुल 1,00,61,057 रुपये वितरित किए गए। बैठक की शुरुआत में डीयू रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता ने पिछली बैठक के मिनट्स को पुष्टि के लिए अकादमिक परिषद के सामने रखा और 1015वीं बैठक में लिए गए निर्णयों पर ‘एक्शन टेकन रिपोर्ट’ अकादमिक परिषद के समक्ष प्रस्तुत की।

बैठक के दौरान स्नातक पाठ्यचर्या रूपरेखा Undergraduate Curriculum Framework (यूजीसीएफ-2022) के अनुसार विभिन्न विभागों के कुछ पाठ्यक्रम को भी मंजूरी दी गई। जिन छात्रों ने कक्षा 8वीं तक हिंदी नहीं पढ़ी है उनके लिए हिंदी विभाग के अंतर्गत हिंदी ईएल (सेमेस्टर I और II में प्रस्तावित) नामक योग्यता वृद्धि पाठ्यक्रम को भी मंजूरी दी गई।

अर्थशास्त्र विभाग के तहत डॉ. बीआर अंबेडकर के आर्थिक विचार (सेमेस्टर III/V) शीर्षक वाले तीन डीएसई पेपरों का पाठ्यक्रम; अर्थव्यवस्था, राज्य और समाज (सेमेस्टर III/V); और उत्पादन संबंध और वैश्वीकरण (सेमेस्टर IV/VI) को भी यूजीसीएफ-2022 के आधार पर शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से शुरू करने की मंजूरी दी गई।

बैठक के दौरान 23 नवंबर को हुई एकेडमिक काउंसिल की स्थायी समिति की बैठक की सिफारिशों पर भी विचार किया गया। इसमें शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए सीयूईटी (यूजी) 2024-25 के तहत यूजी और पीजी कार्यक्रमों के लिए पात्रता मानदंड सहित (eligibility criteria) 4-वर्षीय शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) की पात्रता मानदंड और प्रवेश प्रक्रिया प्रस्तुत की गई थी। इनके साथ ही बी.टेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, बी.टेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और बी.टेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, बीए एलएलबी (ऑनर्स) और बीबीए एलएलबी (ऑनर्स) और साइबर सिक्योरिटी एंड लॉ में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा के लिए पात्रता ( आवेदन के लिए पीजीडीसीएसएल) मानदंड और बारहवीं कक्षा में अध्ययन किए गए विषयों के साथ सीयूईटी (यूजी) विषयों की समकक्षता स्थापित करने के मानदंड भी सुझाए गए थे।

दिल्ली विश्वविद्यालय में विभागों के शिक्षकों के लिए पदोन्नति दिशानिर्देश भी कुछ संशोधनों के साथ स्वीकार किए गए। बैठक के दौरान कमला नेहरू कॉलेज, गार्गी कॉलेज और हंसराज कॉलेज में तमिल, तेलुगु और अन्य एमआईएल पाठ्यक्रमों में जेनेरिक इलेक्टिव (जीई) पाठ्यक्रम चुनने वाले छात्रों को संबंधित कॉलेजों द्वारा पेश नहीं किए गए विषयों का अध्ययन करने के लिए निकटतम क्लस्टर केंद्र में आमंत्रित किया गया था।

कुलपति ने बताया कि इस योजना के तहत बीटेक में 3, पीजी में 17 और यूजी में 78 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है। डीयू ने अनाथ बच्चों को मुफ्त उच्च शिक्षा प्रदान करते हुए सभी कक्षाओं में अनाथ बच्चों के लिए सीटें आरक्षित करने का प्रावधान किया था। इस योजना के तहत विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों और विभागों में स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों स्तरों पर सभी कक्षाओं में अनाथ लड़के और लड़कियों के लिए एक-एक सीट आरक्षित की गई है। इन आरक्षित सीटों पर प्रवेश पाने वाले बच्चों की ट्यूशन और हॉस्टल फीस आदि पूरी तरह से माफ करने का प्रावधान किया गया है।

बैठक के दौरान कुलपति ने विश्वविद्यालय के कॉलेजों और विभागों में प्रोन्नति से संबंधित आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि कुल 6,115 प्रोन्नति दी गयी है जिसमें 3,912 असिस्टेंट प्रोफेसर, 1,425 एसोसिएट प्रोफेसर, 691 प्रोफेसर और 87 वरिष्ठ प्रोफेसर हैं।


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