राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के एक फैसले पर विवाद हो गया है। उपराष्ट्रपति ने अपने निजी स्टाफ के 8 सदस्यों को राज्यसभा सचिवालय के दायरे में आने वाली 20 समितियों में नियुक्त किया है। ये अधिकारी समितियों को उनके कामकाज में सहयोग करेंगे। जिसमें ऐसी बैठकें भी हैं जो गोपनीय प्रकृति की होती हैं। इनमें उपराष्ट्रपति सचिवालय में तैनात चार कर्मचारी भी शामिल हैं। आमतौर पर राज्यसभा सचिवालय के अधिकारी संसदीय समितियों की सहायता करते हैं और समिति सचिवालयों का हिस्सा भी बनते हैं। विपक्षी दलों ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। आरोप है कि उपराष्ट्रपति की ओर से अधिकारों का दुरुपयोग किया गया है।
लोकसभा के पूर्व सेक्रेटरी जनरल पी.डी.टी. आचार्य ने बताया कि संसदीय कमेटियों में सांसद और मदद के लिए लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय के अधिकारी होते हैं। स्पीकर या सभापति अपने पर्सनल स्टाफ को कमेटियों में नियुक्त नहीं कर सकते हैं। इससे पहले ऐसी नियुक्ति कभी नहीं हुई है। दरअसल देश में कुल 24 स्टैंडिंग कमेटियां हैं। हर कमेटी में 21 लोकसभा सांसद और 10 राज्यसभा सांसद हैं। इन 24 में से 16 कमेटियां लोकसभा स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में काम करती हैं वहीं 8 राज्यसभा सभापति के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। ज्यादातर बिल्स को सदन में पेश करने के बाद विस्तृत चर्चा के लिए इन कमेटियों के पास भेजा जाता है।
इस बीच आरोप है कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 20 संसदीय समितियों में अपने 12 कर्मचारियों को नियुक्त किया है। चार कर्मचारी उपराष्ट्रपति सचिवालय के अधीन, जबकि चार कर्मचारी राज्यसभा के सभापति के अधीन हैं। इन संसदीय समितियों की कार्यवाही गुप्त होती हैं। लेकिन उपराष्ट्रपति के निजी स्टाफ को संसदीय समितियों को हिस्सा बनाना एक तरह से इनके कामकाज में सीधे दखल के तौर पर देखा जा रहा है।
आमतौर पर संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी संसदीय समितियों का काम देखता है और सीधे राज्य सभा के महासचिव को रिपोर्ट करता है। महासचिव संसदीय समितियों की कार्यवाही के बारे में राज्य सभा के सभापति और उपराष्ट्रपति को जानकारी देते हैं। संसदीय समिति के अध्यक्ष संसद के प्रति जवाबदेह हैं।
बता दें कि उपराष्ट्रपति के OSD राजेश एन.नायक को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी, जनरल परपज कमेटी और गृह मंत्रालय से जुड़ी समिति के साथ जोड़ा गया। उपराष्ट्रपति के निजी सचिव सुजीत कुमार को राज्यसभा में सूचना और संचार तकनीक प्रबंधन की समिति, वाणिज्य समिति और विज्ञान और तकनीक, पर्यावरण वन एवं मौसम परिवर्तन मंत्रालय की समिति से जोड़ा गया है। सभापति के OSD अखिल चौधरी को ऐथिक्स, पेपर्स लेड ऑन टेबल और उद्योग मंत्रालय की समिति से जोड़ा गया है। उपराष्ट्रपति के APS संजय वर्मा को गवर्नमेंट एश्योरेंस से जोड़ा गया। उपराष्ट्रपति के OSD अभ्युदय सिंह शेखावत को हाउस कमेटी, पिटिशन कमेटी और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की समिति से जोड़ा गया है। सभापति के OSD कौस्तुभ सुधाकर भालेकर को रूल्स कमेटी और यातायात, पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय की समिति से जोड़ा गया है। सभापति की निजी सचिव अदिति चौधरी को सबआर्डिनेट लेजीस्लेशन कमेटी के साथ जोड़ा गया है।