प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2 नवंबर को दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद के घर पर छापेमारी की थी। ED द्वारा ये छापेमारी आप नेता राजकुमार आनंद के सरकारी आवास समेत अन्य 9 ठिकानों पर हुई। छापेमारी के लिए पहुंचे ऑफिसर्स की ये कार्रवाई 22 घंटे लम्बी चली। जिसके बाद सभी ऑफिसर्स आज सुबह तड़के राजकुमार आनंद के घर से बाहर निकले। आपको बता दें कि आप नेता पर ED की ये छापेमारी दिल्ली में हुए शराब घोटाले को लेकर हुई थी।
प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन यानी मनी लॉन्ड्रिंग संबंधी एक मामले की जांच के तहत दिल्ली के कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राजकुमार आनंद के परिसरों और कुछ अन्य स्थानों पर गुरुवार को छापा मारा। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी के सिविल लाइन्स इलाके में स्थित मंत्री के परिसरों समेत एक दर्जन स्थानों पर सुबह साढ़े छह बजे से छापेमारी की कार्रवाई शुरू हुई। छापा मार रहे निदेशालय के दलों के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक टीम भी थी। राजकुमार आनंद के खिलाफ जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की जा रही है।
ईडी की रेड पर राजकुमार आनंद ने कहा कि ईडी की रेड चलती रही। रेड तो बहाना है लोगों को तंग करने के लिए। ऐसा कुछ खास था नहीं, केवल घर की पूरी तरह से तलाशी ली, सब खंगाला, मगर उन्हें कुछ मिला नहीं सब प्रायोजित था। हमें बस ये बताया गया कि उन्हें ऊपर से आदेश है, ऊपर से आदेश है। इस चक्कर में टाइम निकलाते रहे। वे सभी सवाल हमसे किए गए, जिनसे हमारा कोई वास्ता नहीं था।
राजकुमार आनंद (57) अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार में सामाजिक कल्याण और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री हैं। राजकुमार आनंद पटेल नगर से विधायक हैं। राजकुमार के खिलाफ ईडी ने ऐसे वक्त में एक्शन लिया है, जब वह अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर चुकी है।