अब यमुना में कचरा डालने वालों की खैर नहीं। राजधानी दिल्ली में संसदीय समिति ने यमुना में कचरा डालने वालो को सजा देने के लिए कानूनी प्रावधान बनाने की सिफारिश की है। समिति ने यमुना के हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि यमुना सहित अन्य सभी नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए एक सख्त कानून की जरूरत है। समिति ने लोकसभा में ‘यमुना नदी की सफाई परियोजना की दिल्ली तक समीक्षा और दिल्ली में नदी क्षेत्र का प्रंबधन’ की एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की।
जल संसाधन स्थायी समिति ने अपनी 27 वीं रिपोर्ट में बताया कि यमुना में डाले जाने वाले कचरों में निर्माण और विध्वंस से निकला कचरा होता है। साथ ही यमुना में बायोमेडिकल कचरा भी डाला जा रहा है।
यमुना में शवदाह पर लगनी चाहिए रोक
समिति ने यमुना में होने वाले शवदाहो को एक बड़ा मसला बताया है। साथ ही समिति ने सिफारीश की है, कि नदियों के आस पास वाले शवदाह स्थलों को कहीं और स्थगित करना चाहिए। समिति ने कहा कि शवदाहो से होने वाले प्रदूषण का कोई अध्ययन नहीं हुआ है जिस कारण हमारे पास कोई एक पुख्ता आंकड़ा भी नहीं है।
सीवेज ट्रीटमेंट से हट सकता है यमुना का झाग
समिति की 27 वीं रिपोर्ट के मुताबिक ओखला बैराज, आईटीओ ब्रिज कालिंदी कुंज जैसे जगहो पर यमुना में झाग दिखता है। ओखला बैराज की देखभाल यूपी का सिचाई विभाग करता है। ओखला बैराज से छोड़ा गया बगैर ट्रिट पानी झाग बनाता है। इस पानी में डिटर्जेंट और फास्फेट में शामिल सर्फेक्टेंट की मात्रा बहुत अधिक होती है, साथ ही ओखला बैराज में जमा हुए पानी में भारी मात्रा में जलकुंभी होती है जिससे झाग की मात्रा बढ़ जाती है।
लोकसभा में समिति ने अपनी पहले की सिफारिशों को दोहराते हुए कहा कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों (STP) की तकनीक से ही यमुना में एकत्रित हुए झागो को हटाया जा सकता है। समिति ने यह भी कहा कि ओखला बैराज पर स्थित गेटों को इस तरीके से खोलना और बंद किया जाना चाहिए की उसके डिस्चार्ज से निकले मुक्त प्रवाह को रोका जा सके।
हर तीन महीने में देनी होगी रिपोर्ट
समिति ने यमुना से लगे बाढ़ वाले क्षेत्रों या वेटलैंड पर अतिक्रमण के मुद्दे पर नराजगी जताते हुए कहा कि सिर्फ हरियाणा और दिल्ली ने ही आवश्यक जानकारी दी हैं। समिति ने कहा कि यमुना तट पर बसे अन्य राज्य जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को भी आवश्यक जानकारी देनी चाहिए। समिति ने यमुना की स्वच्छता के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? उसकी रिपोर्ट हर तीन महीने में जमा करने को कहा हैं।
दंड के लिए कानूनी प्रावधान
समिति ने जल संसाधन विभाग से सिफारिश कि है कि यमुना में कचरा डालने वालो के लिए दंड का कानूनी प्रावधान बनाया जाना चाहिए। इस प्रावधान के आने से यमुना सहित अन्य सभी नदियों में प्रदूषण के मामले कम होंगे।
फंड स्थापना का सुझाव
समिति ने अपनी इस रिपोर्ट में जल संसाधन विभाग को सुझाव देते हुए बताया कि वह यमुना नदी के लिए भी स्वच्छ गंगा कोष की तर्ज पर फंड स्थापित करे।