पिछले कई दिनों से झारखंड सुर्खियों में बना हुआ है। कल हेमंत सोरेन का इस्तीफा और नए मुख्यमंत्री का ऐलान भी हो गया। पर सिलसिला थमा नहीं है अभी और भी उठापठक बाकी है। इसी उठापटक के बीच, दो चार्टर्ड प्लेन आज रांची एयरपोर्ट पर उतरे और सूत्रों मुताबिक एक चार्टर्ड प्लेन 10 सीटर का बताया जा रहा है। जबकि दूसरा 33 सीट का है। माना जा रहा है कि इनका इस्तेमाल विधायकों को हैदराबाद ले जाने के लिए किया जाएगा। उधर रांची से बसों में बैठकर विधायक एयरपोर्ट पहुंचे। अब झारखंड में ‘विधायक बचाओ की मुहिम’ शुरू हो गई है। इसके पीछे बीजेपी का एक्शन प्लान काम करना शुरू कर दिया है और भाजपा झारखंड में सरकार बनाने की जुगत में पीछे नहीं है।
चंपई सोरेन अब तक दो बार राज्यपाल से मिल चुके हैं लेकिन अभी उन्हें शपथ ग्रहण का समय नहीं दिया गया है। ऐसे में अब झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन ने अपने विधायकों को बचाने का अभियान शुरू कर दिया है।चंपई ने राज्यपाल के समक्ष 43 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है।
भाजपा जेएमएम के विधायकों की खरीद फरोख्त न कर सके इसलिए विधायकों को झारखंड से हटाकर तेलंगाना में शिफ्ट कर दिया गया है। कारण वहां कांग्रेस की सरकार है और वहां झारखंड मुक्ति मोर्चा के गठबंधन वाले विधायक सुरक्षित रहे सकते हैं। इतिहास गवाह है जब विधायकों को बचाने के लिए उन्हें राज्य से बाहर ले जायाजाता रहा है। बीजेपी लगातार दावा कर रही है कि सोरेन के पास पर्याप्त विधायकों का समर्थन नहीं है। ऐसी परिस्थिति में भाजपा क्या रणनीति तय करेगी यह आने वाले दिनों में पता चल जाएगा।
बुधवार को जब चंपई सोरेन का नाम घोषित हुआ था तो लगा कि अब चंपई सोरेन सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। सवाल उठता है कि क्या कारण है कि राज्यपाल शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित नहीं कर रहे हैं। इसके पीछे क्या कोई राजनीतिक चाल है। राज्यपाल की तरफ से किए जा रहे लेट की वजह से ‘ऑपरेशन लोटस’ का भी डर है।