क्या आम आदमी पार्टी टूटने वाली है? इस तरीके के कई सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़े हुए एक या दो नहीं, बल्कि तीन बड़े घटनाक्रम हुए। दिल्ली सरकार में मंत्री राजकुमार आनंद ने AAP से इस्तीफा दे दिया। दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिशों का आरोप लगाया। वहीं, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने अंतरिम जमानत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आम आदमी पार्टी के ज्यादातर सांसद इस मुश्किल घड़ी में गायब नजर आए। कोई भी सांसद मुखरता के साथ अरविंद केजरीवाल और पार्टी का साथ इस वक्त नहीं दे रहा है।
AAP के सांसद और विधायक गायब
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में हैं। आम आदमी पार्टी की तरफ से बैठकें हो रही हैं, लेकिन इन बैठकों में उनके मंत्री नदारद हैं। मंत्रियों के बैठक में ना आने की क्या वजह है? आम आदमी पार्टी के राज्यसभा में 10 सांसद हैं, लेकिन फिलहाल सारे सांसद एक साथ नजर नहीं आ रहे। अब सवाल उठता है कि क्या पार्टी में कुछ गड़बड़ चल रही है? क्या AAP में बड़ी टूट होने वाली है।
आम आदमी पार्टी की तरफ से अगर कुछ चेहरों को छोड़ दिया जाए तो कोई भी नजर नहीं आ रहा है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में अपनी बात रखते हुए आतिशी, सौरभ भारद्वाज, संजय सिंह, संदीप पाठक और सुनीता केजरीवाल को ही देखा गया। बाकी ना ही कोई विधायक सामने नजर आए और ना ही आम आदमी पार्टी के 10 राज्यसभा सांसद।
आतिशी और सौरभ की कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आतिशी और सौरभ लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए नजर आए तो वहीं जेल से बाहर आने के बाद संजय सिंह भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलते नजर आए। ऐसा नहीं है कि आम आदमी पार्टी के पास नेताओं की कमी है। उसके पास 10 राज्यसभा सांसद हैं, लेकिन ज्यादातर समय ये गायब रहे या लगभग चुप्पी साध ली। पार्टी इस समय एक संकट के दौर से गुजर रही है।
राघव चड्ढा आम आदमी पार्टी का सबसे ज्यादा पहचाना जाने वाला चेहरा माना जाता है। हर मुद्दे पर वे पार्टी का बचाव करते हुए नजर आते हैं। खुलकर मोदी सरकार के विरोध में बोलते हैं, लेकिन फिलहाल वे भी गायब हैं। बताया जा रहा है कि आंख की सर्जरी के लिए वे फिलहाल लंदन गए हुए हैं। मार्च के महीने में ही उन्हें लौटना था, लेकिन वे अभी तक नहीं लौटे हैं। हालांकि, वह ट्विटर पर पोस्ट जरूर करते रहते हैं।
हाल ही में आम आदमी पार्टी की ओर से आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर कई आरोप लगाए थे। इसमें सबसे बड़ा आरोप था कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश हो रही है। हालांकि, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतिशी की ओर से कोई सबूत पेश नहीं किया गया था। आतिशी का कहना था कि दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती नहीं हो रही है। कई पद खाली हैं।