भारत को पहली बार प्रतिष्ठित इंटरनेशनल टूर्नामेंट 7वीं एशियन विमेंस हॉकी चैंपियनशिप की मेजबानी मिली है। यह प्रतिष्ठित इंटरनेशनल टूर्नामेंट पहली बार भारत में हो रहा है। यह टूर्नामेंट 27 अक्टूबर से 5 नवंबर तक रांची में आयोजित होगा और झारखंड सरकार इसकी प्रायोजक होगी।
रांची में 27 अक्टूबर से 5 नवंबर तक होने वाली महिला एशियाई हॉकी चैम्पियनशिप में भाग लेने के लिए दक्षिण कोरियाई महिला हॉकी टीम बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर पहुंची। टीम के हवाई अड्डे से बाहर आने पर उनका ढोल, नगाड़ा और मांदर (पारंपरिक आदिवासी संगीत वाद्ययंत्र) बजाकर भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान महिला जनजातीय नर्तकियों ने मेहमानों के स्वागत के लिए ‘झूमर’ डांस किया।
दक्षिण कोरियाई खिलाड़ियों को हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने पारंपरिक झारखंडी शॉल और गुलदस्ते देकर सम्मानित किया। स्वागत से अभिभूत टीम के खिलाड़ी खुद को रोक नहीं सके और उन्होंने भी नर्तकियों के साथ हाथ मिलाकर कुछ मिनटों तक डांस किया। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने भी इस नजारे का भरपूर लुत्फ उठाया।
पेरिस ओलंपिक क्वॉलिफायर (महिला) के आयोजन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में वैश्विक हॉकी बिरादरी का स्वागत करना सम्मान की बात है। हम आने वाले समय में कुछ सर्वश्रेष्ठ एशियाई हॉकी टीमों की मेजबानी करने के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एशियन हॉकी चैंपियनशिप के बाद ओलंपिक क्वॉलिफायर की मेजबानी रांची को मिलना गर्व की बात है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे खिलाड़ियों ने अपनी छाप छोड़ी है अब बेहतर मेजबान बनेंगे और भविष्य में इस तरह के टूर्नामेंट आयोजित करेंगे।
दक्षिण कोरिया तीसरी टीम है जो टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए रांची पहुंची है। उनसे पहले जापान और टीम इंडिया रविवार को पहुंची थी जबकि मलेशिया, थाईलैंड और चीन की टीमें अगले दो दिनों में पहुंचेंगी।
हवाई अड्डे पर दक्षिण कोरियाई महिला टीम की कप्तान ने कहा कि उनकी तैयारियां बहुत अच्छी हैं। टीम ने अपने देश में कड़ा अभ्यास किया है। ये पूछे जाने पर कि क्या टीम पर कोई दबाव है क्योंकि दक्षिण कोरिया इस टूर्नामेंट में सबसे सफल टीम है। सहायक कोच कांग केओन वूक ने कहा कि टीम इस तरह के दबाव में नहीं है और वो अपना नेचुरल खेल दिखाएगी। भारतीय टीम के बारे में उन्होंने कहा कि टीम मजूबत है और उसके पास कुशल खिलाड़ी हैं।