बीते दिनों से मणिपुर में चल रही हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। मणिपुर के कांगपोकपी जिले में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। यहां 7 नवंबर को कुकी समुदाय के एक सैनिक के परिवार के 4 लोगों को अगवा कर लिया गया।
सैनिक का परिवार 7 नवंबर को कांगचुप चिंगखोंग गांव से होकर निकल रहा था। तभी पास के एक चेकपॉइंट पर इन्हें रोका गया। यहां से एक हथियारबंद भीड़ ने इन्हें अगवा कर लिया। अगवा किए गए परिवार के चारों लोगों में 2 महिलाएं भी शामिल हैं, जिनमें से एक सैनिक की मां हैं। उनके साथ गाड़ी में सैनिक के पिता भी मौजूद थे। सुरक्षाबलों ने किसी तरह उन्हें बचा लिया लेकिन उन्हें कई गंभीर चोटें आई हैं। सैनिक के घायल पिता को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सैनिक और उसका परिवार कुकी-जो आदिवासी समुदाय से हैं। सैनिक मणिपुर में तैनात नहीं है। अपहरण के बाद कुकी-जो और मैतेई समुदायों के लोगों के बीच दो घंटे तक मुठभेड़ होती रही। इसमें दोनों तरफ से फायरआर्म्स इस्तेमाल किए गए। घटना की जगह से निकल रहे लोगों के घायल होने की भी खबर सामने आई है।
मणिपुर पुलिस का कहना है कि अगवा किए गए 4 लोगों के बारे में कुछ नहीं पता चल सका है। मणिपुर पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट कर बताया। भागे हुए व्यक्ति के साथ ही चारों लोगों के बारे में कुछ भी नहीं पता चला है। सुरक्षाबल लगातार लापता हुए लोगों का पता लगाने और उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
कांगपोकपी के इसी इलाके से 5 नवंबर को मैतेई समुदाय के 2 युवकों को भी अगवा कर लिया गया था। इनकी पहचान 16 साल के मैबम अविनाश और 19 साल के निंगथौजम एंथनी के रूप में हुई है। पुलिस ने 6 नवंबर को बताया कि इस मामले में 3 लोगों को हिरासत में लिया गया है। 7 नवंबर को कुकी रिवोल्यूशनरी आर्मी(U) के दो सदस्यों लुनखोसेई चोंगलिंग और सातगौगिन हैंगसिंग को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया। इन्हें 17 नवंबर तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। इस घटना के बाद से घाटी में एक बार फिर तनाव बढ़ गया है।