प्रवर्तन निदेशालय ने कथित भूमि घोटाले के संबंध में पूछताछ के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन जारी किया है। सीएम सोरेन को धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत मामले में उनके लिए सुविधाजनक तारीख पर संघीय एजेंसी के कार्यालय में उपस्थित होने और अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है।
गौरतलब है कि यह सातवीं बार है जब सीएम सोरेन को एजेंसी ने समन जारी किया है। सूत्रों के मुताबिक ईडी ने पीएमएलए की धारा 50 के तहत सीएम हेमंत सोरेन को सातवां समन जारी किया है और उनसे चल रहे भूमि घोटाले में उनके और साथ ही एजेंसी के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक स्थान, तारीख और समय पर अपना बयान दर्ज करने के लिए कहा है।
इससे पहले 12 दिसंबर को सीएम सोरेन को पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था लेकिन मुख्यमंत्री कार्यवाही में शामिल नहीं हुए थे। बीजेपी ने समन पर लगातार अनुपस्थित रहने के लिए झारखंड के सीएम की आलोचना की थी।
सोरेन को भूमि ‘घोटाला’ मामले में अगस्त के मध्य में ईडी ने तलब किया था। हालाँकि सीएम ने यह दावा करते हुए सम्मन को नजरअंदाज कर दिया कि वह राज्य के स्वतंत्रता दिवस समारोह में व्यस्त थे। उन्हें 24 अगस्त और 9 सितंबर को फिर से उपस्थित होने के लिए कहा गया था लेकिन सीएम व्यस्तताओं का हवाला देते हुए तारीखों को छोड़ दिया।
इसके बाद एजेंसी ने झारखंड के सीएम को अपना चौथा समन जारी किया और उन्हें 23 सितंबर को एजेंसी को रिपोर्ट करने के लिए कहा। सीएम ने पहले धमकी दी थी कि अगर केंद्र ने उनके खिलाफ जारी समन वापस नहीं लिया तो वह केंद्र के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेंगे।
एजेंसी को लिखे अपने पत्र में सोरेन ने कहा कि उन्होंने ईडी को सभी आवश्यक दस्तावेज और जानकारी उपलब्ध करा दी है। उन्होंने लिखा कि अगर ईडी को किसी भी जानकारी की जरूरत है तो वह उन दस्तावेजों का हवाला दे सकती है जो उन्होंने पहले ही एजेंसी के साथ साझा किए हैं।
हालांकि सीएम ने आरोप लगाया कि ईडी ने अपने “राजनीतिक आकाओं” के आदेश पर उन्हें 14 अगस्त को बुलाया था।