रूद्रप्रयाग: विश्व विख्यात भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने की तैयारी शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से शुरू हो गई है। पौराणिक परंपराओं के अनुसार शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान केदारनाथ के क्षेत्ररक्षक भैरवनाथ की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान भैरवनाथ भगवान को केदारनाथ धाम के लिए रवाना किया गया।
मान्यताओं के अनुसार भगवान केदारनाथ की डोली को केदारनाथ रवाना करने से पहले क्षेत्ररक्षक भैरवनाथ की पूजा-अर्चना की जाती है और पूजा-अर्चना के बाद बाबा भैरवनाथ को केदारनाथ के लिए रवाना किया जाता है। भैरवनाथ भगवान को केदारनाथ का क्षेत्ररक्षक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जब केदारनाथ के कपाट बंद रहते हैं तो भैरवनाथ ही धाम की रक्षा करते हैं। भैरवनाथ की पूजा के अवसर पर ओंकारेश्वर मंदिर में भारी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ी। इसके अलावा उत्तराखंड के कई हिस्सों से देव डोलियां भी ओंकारेश्वर मंदिर में पहुंच रही हैं।
आज सुबह भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली विधि-विधान से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ के लिए रवाना होगी। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार केदारनाथ धाम यात्रा को सुव्यवस्थित एवं सुगम बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। डीएम लगातार केदारनाथ यात्रा मार्ग के महत्वपूर्ण पड़ावों का निरीक्षण करने के साथ ही यात्रा को सफल बनाने के लिए यात्रा से जुड़े सभी लोगों से सुझाव लेते हुए उन पर अमल भी करवा रहे हैं।