अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रण प्राप्ति के बावजूद विपक्ष 22 जनवरी को अयोध्या नहीं जाने से बच रहा है। वहीं दूसरी ओर राजनीति से उपर उठकर कुछ नेता इसे सौभाग्य की बात मान रहे हैं। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख निर्मल खत्री ने मंगलवार को पुष्टि की कि वह 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह में शामिल होंगे। सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा इस कार्यक्रम में भाग लेने से इनकार करने के बाद खत्री ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया। पार्टी नेता राहुल गांधी, जो उद्घाटन समारोह में भी शामिल नहीं होंगे, ने इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “राजनीतिक कार्यक्रम” बताते हुए भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर खत्री ने सूचित किया कि उन्होंने आमंत्रण स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा, ”राम का भक्त होना कोई पाप नहीं है, मुझे इस भक्ति पर गर्व है।”उसी पोस्ट में खत्री ने “धर्म के पाखंड” की निंदा की और कहा कि वह “धर्म की मदद से राजनीतिक लाभ लेने की रणनीति के खिलाफ हैं।”
उन्होंने इस कार्यक्रम में भाग लेने में अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओं की “अक्षमता” को भी संबोधित किया और कहा कि पार्टी के सदस्यों को इसमें भाग नहीं लेने के लिए पार्टी की ओर से कोई निर्देश नहीं है।
खत्री ने कहा, ”इसलिए मैं 22 तारीख को निमंत्रण स्वीकार करता हूं और इसमें भाग लूंगा।”
यह घटनाक्रम पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख अजय राय सहित कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के सरयू नदी में पवित्र स्नान करने और मंदिरों में पूजा करने के लिए सोमवार को अयोध्या पहुंचने के दो दिन बाद आया है।
अजय राय ने पार्टी नेता अविनाश पांडे, दीपेंद्र हुडा और अखिलेश प्रताप सिंह के साथ अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की